Книга - वरध तकत

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वरध तकत
Aldivan Teixeira Torres


”वरध तकत” खद क हम म स हर एक म मजद महन दवद पर कब पन क वकलप क रप म परसतत करत ह। जवन म कतन बर हम उन परसथतय क समन करत ह जनम दन वकलप अनकल और परतकल परसथतय क हत ह और उनम स एक क चनन क करय ह सह बलदन ह जत ह। हम परतबबत करन और धयन स सचन क लए सखन चहए क कस तरह सचच मरग क पलन कय जन चहए और उस चनव क परणम कय ह। अत म, हम अपन जवन म ”वरध तकत” क इकटठ करन और फल पद करन क जररत ह। इस परकर, हम एक बहत ह वछत खश परपत कर सकत ह।

”वरध तकत” खद क हम म स हर एक म मजद महन दवद पर कब पन क वकलप क रप म परसतत करत ह। जवन म कतन बर हम उन परसथतय क समन करत ह जनम दन वकलप अनकल और परतकल परसथतय क हत ह और उनम स एक क चनन क करय ह सह बलदन ह जत ह। हम परतबबत करन और धयन स सचन क लए सखन चहए क कस तरह सचच मरग क पलन कय जन चहए और उस चनव क परणम कय ह। अत म, हम अपन जवन म ”वरध तकत” क इकटठ करन और फल पद करन क जररत ह। इस परकर, हम एक बहत ह वछत खश परपत कर सकत ह।



पसतक क पहल क लए, हम कह सकत ह क ज यह रन मन नरश क गफ म सन ह। यह रन कतब म बतय गए सभ करनम क करण थ। मशन पर हआ, मझ आश ह क म अपन अतम लकषय तक पहच गय ह ज सरफ एक वयकत क सपन बनन ह। यह वह ह जसक म अभ भ परसतव दत ह कयक हम हस, कररत और अनयय स भर दनय म रहत ह। ”वरध तकत” फर कभ इसक परकशन क बद पहल क समन नह रहग और म पठक क सथ एक नय जखम उठन क इतजर नह कर सकत ज भ ऐस करन क इरद रखत ह।








विरोधी

ताकतें



अलडीवन टेक्सइरा टोर्रेस



विरोधी ताकतें



By:Aldivan Teixeira Torres

©2017-Aldivan Teixeira Torres

All the rights reserved

Aldivan Teixeira Torres

E-mail:aldivanvid@hotmail.com



यह पुस्तक, जिसमें उसके सभी हिस्से शामिल हैं, कॉपीराइट द्वारा संरक्षित हैं

और लेखक की अनुमति के बिना, पुनर्विक्रय या स्थानांतरित किए बिना

पुन: प्रस्तुत नहीं किए जा सकते हैं।

शैक्षणिक योग्यता: गणित में डिग्री एक ही क्षेत्र में विशेषज्ञता के साथ ।



लघु जीवनी: अलडीवन टेक्सइरा टोर्रेस, का जन्म अर्क्वर्डे-पीई में हुआ ने “दी सीर” और “सन्ज ऑफ़ लाइट” नाम की श्रृंखला बनाई साथ ही साथ कवितायें और पटकथाएं भी लिखीं। उनके साहित्यिक कैरियर की शुरुआत 2011 के अंत में उनके पहले रोमांस के प्रकाशन के रूप में शुरू हुई थी जिसका नाम था विरोधी ताकतें- गुफा का रहस्य। जो भी कारण हो, उन्होंने लिखना बंद कर दिया था और 2013 के दूसरे छमाही में केवल अपना कैरियर फिर से शुरू कर दिया। तब से वह कभी नहीं रुके। उन्हें आशा है कि उनका लेखन परनामबुको और ब्राज़ीलियाई संस्कृति में योगदान करेगा, जिनको अभी तक आदत नहीं है उन लोगों में पढ़ने की रूचि पैदा करेगा। उनका आदर्श वाक्य "साहित्य, समानता, बिरादरी, न्याय, गरिमा और हमेशा मानव का सम्मान" के लिए है।



सामग्री की तालिका

"निष्ठा" (#ulink_f8c8cd62-a462-547a-9dd5-5579521fb8d1)

सार (#ulink_53795ae3-3798-50e3-8958-3a60b97fe0cc)

परिचय (#ulink_d76cd821-21c9-58bc-b0a9-709804fecfd9)

एक नया युग (#ulink_bf15776d-6a85-5170-91d0-325a7dd82647)

तैयारियां (#ulink_59c0ce5a-8ef9-5322-94a3-9aa2f2cb41a9)

पवित्र पर्वत (#ulink_e9b4e196-7074-5b0d-bc7e-3ff2f0bed400)

झोंपड़ी (#ulink_8c3d7c8f-3343-5869-8101-ab1179e6b45f)

पहली चुनौती (#ulink_2bfab0cf-2e7d-5004-894e-4f2d110a79b0)

दूसरी चुनौती (#ulink_ea6a4849-2f60-50a7-bf5d-a8a1fcc3d75e)

पहाड़ों का भूत (#ulink_bb0ee41b-104e-5fb6-9534-b97054339d5f)

डी-डे (#ulink_86e308aa-de0c-53f2-87f7-f51ae7db8ea2)

जवान लड़की (#ulink_08aeffe5-b85c-552a-9f4f-9b0702165a45)

भूकंप (#ulink_96ddbc67-e3b0-5422-958c-3c1f48991e78)

आखिरी चुनौती के एक दिन पहले (#ulink_46f20d06-009b-5e68-ae50-ec6f01f0f04b)

तीसरी चुनौती (#ulink_b6a9338c-d0db-526d-a3d3-02161626d061)

निराशा की गुफा (#ulink_d08de966-e8c7-52dc-8f28-77d4df1e0761)

चमत्कार (#ulink_d6abe818-0d02-5b96-88a6-2fa99c1ee0c7)

गुफा से निर्गमन (#ulink_6391698f-ec20-5265-9150-22a51908bf8f)

संरक्षक से पुनर्मिलन (#litres_trial_promo)

पहाड़ को अलविदा कहना (#litres_trial_promo)

पुराने समय में यात्रा (#litres_trial_promo)

मैं कहाँ हूँ? (#litres_trial_promo)

पहली छापें (#litres_trial_promo)

होटल (#litres_trial_promo)

रात का भोजन (#litres_trial_promo)

गाँव की सैर (#litres_trial_promo)

काला महल (#litres_trial_promo)

पूजाघर में तोड़फोड़ (#litres_trial_promo)

आदेश (#litres_trial_promo)

निवासियों की मुलाकात (#litres_trial_promo)

निर्णयात्मक बातचीत (#litres_trial_promo)

दृष्टि (#litres_trial_promo)

शुरुआत (#litres_trial_promo)

पटरी (#litres_trial_promo)

चाल (#litres_trial_promo)

बंगले में आगमन (#litres_trial_promo)

महापौर से मुलाकात (#litres_trial_promo)

किसानों की मुलाकात (#litres_trial_promo)

घर वापसी (#litres_trial_promo)

घोषणा (#litres_trial_promo)

काम का पहला दिन (#litres_trial_promo)

पिकनिक (#litres_trial_promo)

पर्वत से नीचे उतरना (#litres_trial_promo)

मेजर का दुर्व्यवहार (#litres_trial_promo)

समूह (#litres_trial_promo)

प्रतिबिंब (#litres_trial_promo)

सुकावाओ (#litres_trial_promo)

बाजार (#litres_trial_promo)

गाय का मामला (#litres_trial_promo)

प्रेस (#litres_trial_promo)

संदेश (#litres_trial_promo)

मुलाकात (#litres_trial_promo)

पाप-स्वीकृति (#litres_trial_promo)

अफ़वाह (#litres_trial_promo)

रेसिफ़ की यात्रा (#litres_trial_promo)

अंतर्देशीय वापसी (#litres_trial_promo)

माता पिता द्वारा तय विवाह (#litres_trial_promo)

यात्रा (#litres_trial_promo)

पिटाई (#litres_trial_promo)

गेरुसा की चचेरी बहिन (#litres_trial_promo)

“आशीर्वाद" (#litres_trial_promo)

घटना (#litres_trial_promo)

एक नया मित्र (#litres_trial_promo)

दुःखद घटना (#litres_trial_promo)

काले बादल (#litres_trial_promo)

शहीद (#litres_trial_promo)

दर्शन का अंत (#litres_trial_promo)

साक्ष्य (#litres_trial_promo)

वापस होटल में (#litres_trial_promo)

विचार (#litres_trial_promo)

मेजर की कल्पना (#litres_trial_promo)

नौकरी (#litres_trial_promo)

क्रिस्टीन के साथ पहला आमना-सामना (#litres_trial_promo)

महल वापसी (#litres_trial_promo)

द्वितीय संदेश (#litres_trial_promo)

क्लीमेरिओ की यात्रा (#litres_trial_promo)

निर्णय (#litres_trial_promo)

रेगिस्तान में अनुभव (#litres_trial_promo)

अंधेरे के उपासक (#litres_trial_promo)

कब्जे का अनुभव (#litres_trial_promo)

कारागार (#litres_trial_promo)

संवाद (#litres_trial_promo)

रेनाटो से मुलाक़ात (#litres_trial_promo)

क्रिस्टीन के साथ तीसरी मुलाक़ात (#litres_trial_promo)

दूत के लिए आमंत्रण (#litres_trial_promo)

अंतिम लड़ाई (#litres_trial_promo)

मौजूदा संरचनाओं के संकुचन (#litres_trial_promo)

मेजर के साथ वार्तालाप (#litres_trial_promo)

विदाई (#litres_trial_promo)

वापसी (#litres_trial_promo)

घर पर (#litres_trial_promo)

उपसंहार (#litres_trial_promo)




"निष्ठा"


"सबसे पहले, परमेश्वर के लिए, वो निर्माता जिसके लिए सब कुछ जीवित रहता है; उन जीवन के शिक्षकों को जो हमेशा मुझे निर्देशित करते हैं; मेरे रिश्तेदारों को, हालांकि उन्होंने मुझे प्रोत्साहित नहीं किया; उन सभी को जो अभी तक अपने जीवन में "विरोधी ताकतों" से पुनर्मिलन नहीं कर पाए हैं।




सार


"विरोधी ताकतें “ “दी सीर”” श्रृंखला की पहली पुस्तक है जिसमें मुख्य पात्रों के साथ दोहरी गतिशीलता है, दी सीर और उनके अविभाज्य साहसी साथी रेनाटो। इस पहले वॉल्यूम में, एकरसता से थक गए, दी सीर एक पर्वत की यात्रा करने का प्रस्ताव करता है जो वादा करता है कि वह पवित्र होगी, उसके सपने सच होने की होना की उम्मीद के साथ। पर्वत पर चढ़ने के बाद के, वह एक संरक्षक से मिलता है, जो प्राचीन ज्ञान से भरी होती है, जो उसके रास्ते पर उन्हें सहायता करने का वादा करती है। उनके द्वारा सहायता प्राप्त करने के बाद, वह तीन चुनौतियों का सामना करता है जो उसे वह पहचान दे सकें जिनकी निराशा की गुफा में प्रवेश करने के समय आवश्यकता होती है, वह जगह जहां असंभव संभव हो जाता है। वह प्रवेश करने का फैसला करता है। जालों के चलते और आगे बढ़ने वाले परिदृश्यों में, वह गुप्त कक्ष तक पहुंच जाता है जहां वह एक शक्तिशाली भेदक में बदल जाता है, जो कि अंतरिक्ष और समय की सीमाओं को पार करने में सक्षम होता है और दिल की गहरी इच्छाओं को समझता है। गुफा छोड़कर, वह संरक्षक को फिर से खोजता है,, और लड़के रेनाटो के साथ एक मिशन पर भेजा जाता है जो कि और भी जटिल है। वहां उसे अन्याय का समाधान करना होगा, किसी को खुद को खोजने और असंतुलित “विरोधी ताकतों” के पुनर्मिलन में किसी की मदद करनी होगी। इस प्रकार उनका पहला महान साहसिक कार्य शुरू होता है जो उत्साह, रहस्य, रोमांस और नाटक का वादा करता है। क्या आपका कोई सपना है? फिर इसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रमुख तत्वों को पढ़ें और खोजें। पढ़ने का आनंद लें!"



"स्वर्ग का राज्य उस मनुष्य की तरह है जो खेत में अच्छे बीज बोया है। एक रात जब सब सो रहे थे, तो उसका दुश्मन आया और गेहूं के बीच में बीज बोया, और भाग गया। जब गेहूं बढ़ गया, और कान बनने लगे, तब घास दिखाई दिया । कर्मचारी मालिक की तलाश में थे, और उनसे कहा, "हे प्रभु, क्या तूने अपने खेत में अच्छा बीज नहीं बोया है? मालिक ने जवाब दिया: "'यह एक दुश्मन है जो उसने किया है।' कर्मचारियों ने पूछा: "क्या हम घास निकालेंगे?" मालिक ने जवाब दिया: "नहीं, यह हो सकता है कि घास को उखाड़ने पर, तुम भी गेहूं उखाड़ लो । यह फसल तक एक साथ बढ़ेगी। और फसल काटने के समय मैं बोने वालों से कहूंगा:की पहले घास काट लो और जलाए जाने के लिए बंडलों में बांधो। तब गेहूं को मेरे खलिहान में इकट्ठा करो। " मैथ्यू 13: 24-30




परिचय


"विरोधी ताकतें" खुद को हम में से हर एक में मौजूद महान द्वंद पर काबू पाने के विकल्प के रूप में प्रस्तुत करती हैं। जीवन में कितनी बार हम उन परिस्थितियों का सामना करते हैं जिनमें दोनों विकल्प अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों के होते हैं और उनमें से एक को चुनने का कार्य ही सही बलिदान हो जाता है। हमें प्रतिबिंबित करने और ध्यान से सोचने के लिए सीखना चाहिए कि किस तरह सच्चे मार्ग का पालन किया जाना चाहिए और उस चुनाव के परिणाम क्या हैं। अंत में, हमें अपने जीवन में "विरोधी ताकतों" को इकट्ठा करने और फल पैदा करने की जरूरत है। इस प्रकार, हम एक बहुत ही वांछित खुशी प्राप्त कर सकते हैं।



पुस्तक के पहलू के लिए, हम कह सकते हैं कि जो यह रोना मैंने निराशा की गुफा में सुना है। यह रोना किताब में बताये गए सभी कारनामों का कारण था। मिशन पूरा हुआ, मुझे आशा है कि मैं अपने अंतिम लक्ष्य तक पहुंच गया हूं जो सिर्फ एक व्यक्ति का सपना बनाना है। यह वही है जिसका मैं अभी भी प्रस्ताव देता हूं क्योंकि हम हिंसा, क्रूरता और अन्याय से भरी दुनिया में रहते हैं। "विरोधी ताकतें" फिर कभी इसके प्रकाशन के बाद पहले के समान नहीं रहेंगी और मैं पाठकों के साथ एक नया जोखिम उठाने का इंतजार नहीं कर सकता जो भी ऐसा करने का इरादा रखते हैं।



लेखक




एक नया युग


पुस्तक प्रकाशित करने के असफल प्रयास के बाद, मुझे लगता है कि मेरी ताकत बहाल और मजबूत हो रही है। आख़िरकार, मैं अपनी प्रतिभा में विश्वास करता हूं और मुझे विश्वास है कि मैं अपने सपनों को पूरा करने जा रहा हूं। मैंने सीखा है कि सब कुछ अपने समय में होता है और मेरा मानना है कि अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मैं खुद को परिपक्व मानता हूं। हमेशा याद रखें: जब हम वास्तव में कुछ करना चाहते हैं तो यह दुनिया ऐसा करने के लिए साज़िश करती है। इसी तरह मुझे लगता है: नई शक्ति के साथ, एक नज़र पीछे डालते हैं। मैंने बहुत पहले पढ़ा था जो निश्चित रूप से मेरी संस्कृति और मेरे ज्ञान को समृद्ध करते थे। किताबें हमें वायुमंडल और ब्रह्मांड के अज्ञात स्थानों में लेकर जाती हैं। मुझे लगता है कि मुझे इस इतिहास का हिस्सा होना चाहिए, यह महान इतिहास साहित्य है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता अगर मैं गुमनाम रहा या एक महान लेखक बन गया जिसको दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है। क्या महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक व्यक्ति इस महान ब्रह्मांड को अपना क्या योगदान देता है।



मैं इस नए दृष्टिकोण से खुश हूं और मैं एक महान यात्रा करने के लिए तैयार हूं। यह यात्रा मेरे भाग्य को बदल देगी और उन लोगों के भाग्य भी बदलेगी जो इस किताब को धैर्यपूर्वक पढ़ सकते हैं। हम इस रोमांच में एक साथ चलते हैं।




तैयारियां


मैं अपने सूटकेस को अपनी व्यक्तिगत और अत्यंत महत्वपूर्ण वस्तुओं के साथ पैक करता हूं: जैसे कुछ कपड़े, कुछ अच्छी किताबें, मेरा अविभाज्य क्रॉस और बाइबिल और लिखने के लिए कुछ कागज़। मुझे लगता है कि इस यात्रा से मुझे बहुत प्रेरणा मिलेगी। कौन जानता है, शायद मैं इतिहास की अविस्मरणीय कहानी का लेखक बनूंगा। जाने से पहले, हालांकि, मुझे सभी को विदाई देनी होगी(विशेष रूप से मेरी मां को) वह अतिरंजनात्मक है और मुझे अच्छे कारण के बिना या कम से कम एक वचन के साथ जाने की इजाजत देगी कि मैं जल्द ही वापस आऊँगा। मुझे लगता है कि मुझे एक दिन आज़ाद पक्षी के रूप में उड़ जाना चाहिए, जिसने अपने पंख खुद बनाए हैं ... और उसे इसे समझना होगा, क्योंकि मैं उसके प्रति ही नहीं हूं, बल्कि मेरी जगह ब्रह्मांड में है जिसने कि बदले में मुझसे कुछ भी वापिस लिए बिना मेरा स्वागत किया है। यह ब्रह्मांड के लिए है कि मैंने अपनी भूमिका और प्रतिभा को विकसित करने के लिए एक लेखक बनने का निर्णय लिया है। जब मैं सड़क के अंत में आऊंगा और खुद का कुछ बना लूँगा तब मैं निर्माता के साथ झुकाव के साथ भोज करने के लिए तैयार रहूंगा और नई योजना सीखूंगा। मुझे यकीन है कि इसमें भी मेरी एक विशेष भूमिका होगी।

मैं अपने सूटकेस को पकड़ लेता हूं और इसके साथ ही मेरे भीतर कष्ट पैदा होता है। प्रश्न मेरे मन को और परेशान करने के लिए आते हैं: यह यात्रा कैसी होगी? क्या अज्ञात खतरनाक हो सकता है? मुझे कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए? मैं क्या जानता हूं कि कौन सा विचार मेरे कैरीयर को चिंतित करेगा और मैं इसे करने को तैयार हूं। मैं अपने सूटकेस को (फिर से) जाने से पहले पकड़ता हूं, मैं अपने परिवार को अलविदा कहने की तलाश करता हूं। मेरी मां रसोई में मेरी बहन के साथ दोपहर के भोजन की तैयारी कर रही है। मैं करीब गया और महत्वपूर्ण मुद्दे को संबोधित किया।



--इस बैग को देखिए? यह मेरा एकमात्र साथी होगा (पाठकों,,आप को छोड़कर) उस यात्रा में जो मैं करने के लिए तैयार हूँ। मुझे बुद्धि, ज्ञान और मेरे पेशे की खुशी की तलाश है। मुझे उम्मीद है कि मैंने जो निर्णय लिया है उसे आप दोनों समझते हैं और उसे स्वीकार करते हैं। आइए; मुझे गले लगाएं और शुभकामनाएं दें



--- मेरे बेटे, अपने लक्ष्यों को भूल जाओ क्योंकि वे हमारे जैसे गरीब लोगों के लिए असंभव हैं। मैंने हजार बार कहा है: तुम एक मूर्ति या और कुछ के समान नहीं होंगे। तुम एक महान व्यक्ति होने के लिए पैदा नहीं हुए थे- समझे: मेरी माँ जूलियटा ने कहा।



----- हमारी माँ की सुनो। वह जानती है कि वह क्या कह रही है और वो बिल्कुल सही है। आपका सपना असंभव है क्योंकि आपके पास प्रतिभा नहीं है। स्वीकार करें कि आपका मिशन सिर्फ एक सरल गणित शिक्षक होना है। मेरी बहन दलवा बोली, की आप उस से कहीं ज्यादा आगे नहीं बढ़ेंगे।



----- तो फिर, कोई आलिंगन नहीं? तुम लोग क्यों नहीं मानते कि मैं सफल हो सकता हूं? मैं आपको विश्वास दिलाता हूं: यहां तक कि अगर मैं अपने सपने को पूरा करने के लिए भुगतान करता हूं तो मैं सफल रहूंगा क्योंकि एक महान व्यक्ति वह है जो खुद पर विश्वास करता है। मैं इस यात्रा को करूँगा और मुझे पता चल जाएगा कि सब कुछ वहाँ है। मैं खुश रहूंगा क्योंकि खुशी में पथ का अनुसरण करना शामिल है जो परमेश्वर हमारे चारों तरफ प्रकाश डालता है ताकि हम विजेता बनें।



यह कहने के बाद, मैं खुद को निश्चित रूप से दरवाजे की ओर ले जाता हूं कि मैं इस यात्रा पर एक विजेता बनूँगा: यह यात्रा मुझे अज्ञात स्थलों में ले जाएगी।




पवित्र पर्वत


लंबे समय पहले, मैंने पेसक़ुएइरा के क्षेत्र में एक बहुत ही अजीब पर्वत के बारे में सुना था। यह ओरोरुबा पर्वत श्रृंखला (स्वदेशी नाम) का हिस्सा है जहां स्वदेशी क्सुकुरु(स्वदेशी) लोग रहते हैं। वे कहते हैं कि यह क्सुकुरु जनजातियों में से एक से एक रहस्यमय दवा आदमी की मौत के बाद पवित्र बन गया। यह किसी भी इच्छा को वास्तविकता बनाने में सक्षम है, जब तक कि इरादा शुद्ध और ईमानदार हो। यह मेरी यात्रा का शुरुआती बिंदु है जिसका उद्देश्य असंभव को संभव बनाना है। पाठको क्या आप विश्वास करते हैं? फिर मेरे साथ रहें और व्याख्या पर विशेष ध्यान दे।



232 राजमार्ग के बाद, केंद्र से लगभग पंद्रह मील की दूरी पर पेसक़ुएइरा की नगर पालिका तक पहुंचने वाला मिमोसो iइसके जिलों में से एक है। हाल ही में बनाया गया एक आधुनिक पुल, मिमोसो और ओरोरुबा के पहाड़ों के बीच की जगह तक पहुंच देता है, जो मिमोसो नदी से घिरी हुई है जो कि घाटी के नीचे जाती है। पवित्र पर्वत बिल्कुल इस बिंदु पर है और यही वह जगह है जहां मैं गाड़ी चला रहा हूं।



पवित्र पर्वत जिले के बगल में स्थित है और थोड़े समय में मैं इसके नीचे पहुँच जाऊँगा। अज्ञात स्थितियों और घटनाओं की कल्पना करने के लिए मेरा मन अंतरिक्ष और दूर के समय के माध्यम से घूमता है। इस पर्वत पर चढ़ने के लिए मुझे क्या इंतजार है? ये निश्चित रूप से पुनरुद्धार और उत्तेजक अनुभव होंगे। पर्वत छोटे कद का है (2300 फीट) और प्रत्येक चरण के साथ मैं अधिक आत्मविश्वास और उम्मीद महसूस करता हूं। मैं अपने गहन अनुभवों को याद करता हूँ जिनके साथ मैं अपने छब्बीस वर्षों के दौरान जीवित रहा हूं। इस संक्षिप्त अवधि में, ऐसी कई शानदार घटनाएं हुईं जिससे मुझे विश्वास हो गया था कि मैं विशेष था। पाठकों, धीरे-धीरे, मैं इन यादों को आपके साथ बिना किसी ग्लानि के साझा कर सकता हूं। हालांकि, यह समय नहीं है। मैं अपनी सारी इच्छाओं की तलाश में पर्वत के मार्ग पर जाना जारी रखूंगा। यही मैं आशा करता हूं और पहली बार थक गया हूं। मैंने आधे रास्ते का सफर तय कर लिया है। मुझे शारीरिक थकावट नहीं लगती है, लेकिन अजीब आवाजों के कारण मुख्य रूप से मानसिक कारणों से मुझे वापस जाने के लिए कहा जा रहा है। वे काफी जोर देती हैं। हालांकि, मैं आसानी से हार नहीं मानने वाला हूँ। मैं हर चीज के लिए पर्वत की चोटी तक पहुंचना चाहता हूं जो इसके लायक है। पर्वत मेरे लिए परिवर्तन की हवाओं के साथ सांस लेता है जो इसकी पवित्रता में विश्वास करते हैं। जब मैं वहां जाता हूँ, मुझे लगता है कि मुझे पता चल जाएगा कि उस रास्ते तक पहुंचने के लिए क्या करना है जो मुझे इस सफर के माध्यम से ले जाएगा जिसके लिए मैंने इतने लंबे समय तक इंतजार किया है। मैं अपने विश्वास और अपने लक्ष्यों को रखता हूं क्योंकि मेरे पास एक ईश्वर है जो असंभव का ईश्वर है। चलो चलना जारी रखें।



मैं पहले से ही तीन चौथाई मार्ग पर चला गया हूं लेकिन फिर भी मेरा आवाजों द्वारा पीछा किया जा रहा है। मैं कौन हूँ? मैं कहां जा रहा हूं? मुझे क्यों लगता है कि पर्वत पर अनुभव के बाद मेरा जीवन नाटकीय रूप से बदल जाएगा? आवाजों के अलावा, ऐसा लगता है कि मैं अकेले ही सड़क पर हूं। क्या ऐसा हो सकता है कि अन्य लेखकों ने ऐसी ही चीज़ को पवित्र पथों से गुजरते हुए महसूस किया है? मुझे लगता है कि मेरा रहस्यवाद किसी भी अन्य के विपरीत होगा। मुझे जारी रखना होगा, मुझे सभी बाधाओं को दूर करना होगा और उनका सामना भी करना होगा। कांटे जो मेरे शरीर को चोट पहुँचाते हैं, वे मनुष्यों के लिए अत्यंत खतरनाक हैं। अगर मैं इस चढ़ाई के बाद बचता हूं, तो मैं पहले से ही एक अपने आप को एक विजेता मानता हूं।



कदम से कदम चलते हुए मैं शीर्ष के करीब हूँ। मैं अब कुछ ही फुट दूर हूँ। मेरे शरीर से जो पसीना निकल रहा है वो ऐसा लगता है की पर्वत की पवित्र खुशबू से भरा हुआ है। मैं थोड़ी देर के लिए रुका। क्या मेरे प्रियजन सोच रहे होंगे? खैर, वास्तव में अब कोई फर्क नहीं पड़ता है। फिलहाल, पर्वत की चोटी पर पहुंचने के लिए मुझे अपने बारे में सोचना है। मेरा भविष्य इस पर निर्भर करता है। बस कुछ और कदम और मैं शीर्ष पर पहुंच गया फिलहाल एक ठंडी हवा चल रही है, पीड़ा से भरी हुई आवाजें मेरी तर्क को भ्रमित करती हैं और मुझे अच्छा नहीं लगता। चिल्लाने की आवाजें आती हैं:



- वह सफल हुआ, उसे सम्मानित किया जाएगा! क्या वह योग्य भी है? उसने पूरे पर्वत पर चढ़ने का प्रबंधन कैसे किया? मैं उलझन में हूँ और चक्करा रहा हूं; मुझे नहीं लगता कि मैं ठीक हूं।



पक्षी रोते हैं, और सूर्य की किरणें अपनी संपूर्णता से मेरे चेहरे की तरफ मुडती हैं। मैं कहाँ हूँ? मुझे ऐसा लगता है जैसे कि मैं एक दिन पहले नशे में था। मैं उठने की कोशिश करता हूं, लेकिन एक हाथ मुझे रोकता है। मैं देखता हूं कि मेरे बगल में एक मध्यम आयु वर्ग की, लाल बालों और सांवली त्वचा वाली महिला है।



--- तुम कौन हो? मेरे साथ क्या हुआ था? मेरे पूरे शरीर में दर्द है। मेरा दिमाग भ्रमित और अस्पष्ट लगता है। क्या इस सब का कारण पर्वत की चोटी पर आना है है? मुझे लगता है कि मुझे अपने घर में रहना चाहिए था। मेरे सपनों ने मुझे इस बिंदु तक उकसाया। मैं धीरे-धीरे पर्वत पर चढ़ गया, एक बेहतर भविष्य की आशा से भरा और व्यक्तिगत विकास की ओर कुछ दिशा के साथ। हालांकि, मैं व्यावहारिक रूप से स्थानांतरित नहीं कर सकता। यह सब मुझे समझाओ, मैं तुम से प्रार्थना करता हूँ।



-मैं पर्वत की संरक्षक हूं मैं धरती की आत्मा हूं जो कि यहां और वहाँ पर चलती है। मुझे यहां भेजा गया था क्योंकि आपने जीत प्राप्त की थी। क्या आप अपने सपने सच करना चाहते हैं? मैं तुम्हारी मदद करना चाहूँगी, परमेश्वर के बच्चे! तुम्हारे लिए अभी भी कई चुनौतियां हैं। मैं तुम्हें तैयार करुँगी। डरो नहीं। तुम्हारे ईश्वर तुम्हारे साथ हैं थोड़ा आराम कर लो। तुम्हारी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मैं भोजन और पानी के साथ वापस आऊँगी इस बीच में, आराम कर लो और ध्यान कर लो जैसे तुम हमेशा करते हो।



यह कहने के बाद, यह महिला मेरी दृष्टि से गायब हो गई। इस परेशान छवि ने मुझे और अधिक परेशान और संदेह से भरा छोड़ दिया। मुझे किन चुनौतियों का सामना करके उनसे जीतना होगा? इन चुनौतियों में क्या कदम शामिल हैं? पर्वत की चोटी वास्तव में बहुत शानदार और शांत जगह थी। उपरी ऊँचाई से, मिमोसो में घरों की छोटी जमावट देखी जा सकती है। यह एक पठार है जिसका पूरा पहाड़ी रास्ता हर तरफ से पौधों से भरा हुआ है। यह पवित्र स्थान, प्रकृति से अछूता है, क्या यह वास्तव में मेरी योजनाओं को पूरा करेगा? क्या यह मुझे मेरे प्रस्थान के समय मुझे एक लेखक बना देगा? केवल समय इन सवालों के जवाब सकता है।



चूंकि उस महिला को कुछ समय लग रहा था, इसलिए मैंने पर्वत की चोटी पर ध्यान लगाया। मैंने निम्नलिखित तकनीक का इस्तेमाल किया: सबसे पहले, मैंने अपने मन (किसी भी विचार से मुक्त) को साफ़ किया। मैंने अपने चारों ओर प्रकृति के साथ सद्भाव में आना शुरू किया, मानसिक रूप से पूरे स्थान पर विचार करना शुरू किया। वहां से, मैंने समझना शुरू किया कि मैं प्रकृति का हिस्सा हूं और हम पूरी तरह से अलौकिकता के एक महान अनुष्ठान में जुड़े हुए हैं। मेरी चुप्पी माँ प्रकृति की चुप्पी है; मेरा रोना भी उसका रोना है; धीरे-धीरे, मैं उसकी इच्छाओं और आकांक्षाओं को महसूस करना शुरू कर देता हूं, और इसके विपरीत। मानव विनाश से बचने के लिए उसकी अपनी ज़िंदगी की वकालत करने में मेरी मदद करने के लिए उसका व्यथित रोना महसूस करता हूँ: वनों की कटाई, अत्यधिक खनन, शिकार और मछली पकड़ने, प्रदूषक गैसों के वातावरण में प्रदूषण और अन्य मानव अत्याचार। इसी तरह, वह मेरी बात सुनती है और मेरी सभी योजनाओं में मेरी सहायता करती है मेरे ध्यान करने के दौरान हम पूरी तरह से आलिंगन कर रहे हैं। सभी सद्भाव और सहभागिता ने मुझे पूरी तरह से शांत और मेरी इच्छाओं पर केंद्रित कर दिया है। जब तक कुछ बदलता: मुझे वैसा ही स्पर्श महसूस हुआ जिसने मुझे एक बार जागृत किया था। मैंने अपनी आँखों को धीरे-धीरे खोला, और देखा कि मैं उसी महिला से सामंजस्य था जिसने खुद को पवित्र पर्वत का संरक्षक कहा था।



-मैं देख रही हूं कि आप ध्यान के रहस्य को समझते हैं। पर्वत ने आपको अपनी क्षमता का पता लगाने में मदद की है। आप कई तरह से बढ़ेंगे। इस प्रक्रिया के दौरान मैं आपकी मदद करूंगी। सबसे पहले, मैं आपसे कहती हूं कि आप कुटिया बनाने के लिए छतरियों, स्लेट, रस्सी और लाइनों को ढूंढने के लिए प्रकृति की ओर मुड़ें और एक अलाव बनाने के लिए जलाऊ लकड़ी इक्कठा करें। रात नजदीक ही आ रही है और आपको अपने आप को क्रूर जानवरों से बचाने की आवश्यकता है। कल शुरु करके, मैं आपको जंगल के ज्ञान के बारे में सिखाऊंगी ताकि आप वास्तविक चुनौती को पार कर सकें: जो निराशा की गुफा है। केवल शुद्ध ह्रदय वाला ही अपने विश्लेषण की आग से बचता है। क्या आप अपने सपने सच करना चाहते हैं? फिर उनके लिए कीमत का भुगतान करें। ब्रह्मांड किसी को भी मुफ्त में नहीं देता है। यह हम हैं, जिन्हें सफलता हासिल करने के लिए योग्य बनना है। मेरा बेटे आपको यह सबक को सीखना चाहिए।



--- मै समझता हूँ। मैं उम्मीद करता हूं कि मैं सब कुछ सीख जाऊँगा मुझे गुफा की चुनौती से मुकाबला करने की आवश्यकता है। मुझे नहीं पता कि यह क्या है लेकिन मुझे विश्वास है यदि मैं पर्वत पर विजय प्राप्त करता हूं, तो मैं गुफा में भी सफल रहूंगा। जब मैं जाऊँगा, मुझे लगता है कि मैं जीतने और सफलता हासिल करने के लिए तैयार रहूंगा।



----रुको, इतने आत्मविश्वासी मत बनो। आप उस गुफा को नहीं जानते हैं जिसके बारे में मैं बात कर रही हूं। पता है कि कई योद्धा पहले ही इसकी आग से परखे गए और नष्ट हो गए। गुफा किसी को दया नहीं दिखाती है, यहां तक सपने देखने वालों को भी नहीं। धैर्य रखो और जो कुछ मैं आपको सिखाऊंगी वह सब सीखो। इस प्रकार, आप एक असली विजेता बन जाएंगे। याद रखें: आत्मविश्वास तो मदद करता है, लेकिन सही मात्रा के साथ ही।



--मै समझता हूँ। आपकी सभी सलाह के लिए धन्यवाद। मैं आपसे वादा करता हूँ कि मैं अंत तक इस का पालन करूंगा। जब संदेह की निराशा मुझे फेंकेगी तो मैं अपने आप को आपके शब्दों की याद दिलाऊंगा और स्वयं को याद दिलाऊंगा कि मेरे ईश्वर हमेशा मुझे बचाएंगे। जब आत्मा की अंधेरी रात में कोई बच नहीं पाता तो भी मैं डरूंगा नहीं। मैं निराशा की गुफा को हरा दूंगा, उस गुफा को जहाँ से कोई नहीं बच पाया!



महिला ने अलविदा कहा कि और अगले दिन शांतिपूर्ण वापसी का वादा किया।




झोंपड़ी


एक नया दिन प्रकट होता है। पक्षी सीटी बजाते हैं और अपनी धुन में गाते हैं। हवा पूर्वोत्तर है और वर्षा के इस समय उष्णता से उगते सूरज को ताज़ा करती है। वर्तमान में, यह दिसंबर है और मेरे लिए यह महीने के सबसे सुंदर महीनों में से एक है क्योंकि यह स्कूल की छुट्टीयों की शुरुआत है। यह गणित के एक कॉलेज पाठ्यक्रम में पढ़ाई के लिए समर्पित एक लंबे वर्ष के बाद एक अच्छा और योग्य ब्रेक है; जिस समय आप सभी इनटीग्रल्स, डेरिवेटिवज और पोलर कोअरडीनेट्स को भूल सकते हैं। अब मुझे उन सभी चुनौतियों के बारे में चिंता करने की आवश्यकता है जो जीवन मुझ पर डाल देगा। मेरे सपने इस पर निर्भर हैं। मेरी पीठ में दर्द हो रहा है क्यूंकि में रात को धरती पर ही सोया था, जो मैंने बिस्तर के रूप में तैयार की थी। जिस अविश्वसनीय प्रयास के साथ मैंने झोंपड़ी बनाई थी और जिस आग मैंने रोशन की वह मुझे रात में एक निश्चित सुरक्षा प्रदान करती थी। हालांकि, मैंने गर्जना और पैरों की आवाज को बाहर सुना। मेरे सपने मुझे कहाँ ले गए? इसका जवाब है की दुनिया के अंत तक जहां सभ्यता अभी तक नहीं आई है। पाठको, आप क्या करेंगे,? क्या आप भी अपने गहरे सपने को सच करने के लिए एक यात्रा का जोखिम उठा सकते हैं? चलो कहानी जारी रखें

अपने विचारों और प्रश्नों में लिपटा, मैंने महसूस किया कि मेरे बगल में, वह अजीब औरत थी जो मेरे रास्ते में मेरी मदद करने का वादा करती थी।



-क्या तुम्हे अच्छी नींद आई?



- अगर अच्छी तरह से मतलब है कि मैं अभी भी पूर्ण हूं, हाँ



- सब कुछ से पहले, मुझे तुम्हे चेतावनी देनी चाहिए कि तुम जिस जमीन पर चल रहे हो वह पवित्र है। इसलिए, उपस्थिति द्वारा या लालसा से गुमराह न होना। आज तुम्हारी पहली चुनौती है। मैं तुम्हारे लिए और अधिक भोजन या पानी नहीं लाऊंगी। तुम्हे उसे अपने आप ढूँढना होगा। सभी स्थितियों में अपने दिल का पालन करना। तुम्हे यह साबित करना होगा कि तुम योग्य हो।



-इस झाडी के नीचे में भोजन और पानी है और मुझे इसे इकट्ठा करना चाहिए? देखो, मैडम, मैं एक सुपरमार्केट में शॉपिंग करने का आदी हूं। इस केबिन को देखिए? ये मेरे पसीने और आँसुओं की कीमत है और फिर भी मुझे नहीं लगता कि यह सुरक्षित है। तुम मुझे मेरी आवश्यकतानुसार उपहार की क्यों नहीं देती? मुझे लगता है कि जब मैं उस पर्वत पर चढ़ गया मैंने अपने आप को इसके योग्य सिद्ध करके दिखाया है।



- भोजन और पानी को तलाशो। पर्वत तुम्हारी आध्यात्मिक सुधार की प्रक्रिया में केवल एक कदम है। तुम अभी भी तैयार नहीं हो। मुझे तुमको याद दिलाना होगा कि मैं उपहार नहीं देती हूँ। मेरे पास ऐसा करने की कोई शक्ति नहीं है मैं केवल वह तीर हूँ जो पथ दर्शाता है। ये गुफा ही है जो तुम्हारी इच्छाओं का अनुदान देती है। इसे निराशा की गुफा कहा जाता है जिनके सपने असंभव हो गए हैं उनके द्वारा इसकी मांग की जाती है।



-मैं कोशिश करने जा रहा हूँ। मेरे पास खोने के लिए और कुछ नहीं है। गुफा मेरी सफलता की आखिरी उम्मीद है।



यह कहते हुए, मैं उठा और पहली चुनौती का सामना शुरू किया और स्त्री धुएँ की तरह गायब हो गई।




पहली चुनौती


पहली नजर में मैंने देखा कि मेरे सामने कुछ अलग सा है। मैंने चलना प्रारम्भ किया। एक कांटो से भरे उपवन में बेहतर यही होगा कि पथ पर आगे बढ़ते रहें। ऐसा लग रहा था कि जिन पत्थरों पर चलते हुए मै आगे बढ़ रहा हूँ वो मुझसे कुछ कहना चाहते हैं। क्या यह हो सकता है कि मैं सही पथ पर हूँ ? मैं उन सब चीजों के बारे में सोचता हूं जिनको मैंने अपने सपनों की खोज में पीछे छोड़ दिया: घर, खाना, अच्छे कपडे और वो मेरी गणित की किताब। क्या यह इस सब के लायक है? मुझे लगता है मैं पता लगा लूँगा। (समय बता देगा)। लगता है उस अजीब सी औरत ने मुझे सब कुछ नहीं बताया। जितना ज्यादा मै चलता हूँ, मुझे उतना ही कम मिलता है। अब जब मैं यहाँ पहुँच गया हूँ तो यह चोटी उतनी बड़ी नहीं लगती। एक प्रकाश, मुझे आगे एक प्रकाश दिखाई दे रहा है। मुझे वहाँ जाना चाहिए। मैं एक बड़ी सी जगह आ पहुँचा जहाँ सूर्य की किरणें पहाड़ के रूप को प्रतिबिंबित कर रही है। पथ अब समाप्ती की ओर आ गया है और दो अलग अलग पथ में बंट गया है। अब मैं क्या करूँ? मैं घंटो से चले जा रहा हूँ और मेरी ताकत खत्म हो गई है। मैं सुस्ताने के लिये बैठता हूँ। दो रास्ते और दो विकल्प। जिंदगी में हम कितनी बार ऐसी परिस्थितियों का सामना करते है: एक व्यवसायी, जिसे कंपनी के भविष्य या कुछ कर्मचारियों को निकालने में से किसी एक को चुनना होता है; ब्राज़ील के उत्तरपूर्वी इलाके के ग्रामीण आंचल में बसने वाली माँ को कौन से बच्चे को खाना खिलाए ये चुनना है; एक विश्वासघाती पति जिसे अपनी पत्नी और रखैल में से एक को चुनना है; खैर, जीवन में ऐसे बहुत सी अलग अलग परिस्थतियां होती है। मेरे चुनाव में फायदेमंद होगा कि महिला की सिफारिश के अनुसार मैं अपने अंतर्ज्ञान का पालन करूँ।



मैं उठता हूँ और दाईं तरफ वाले रास्ते का चुनाव करता हूं। मैं उस पर आगे बढ़ता हूँ और मुझे फिर एक बात समझ आने में ज्यादा वक्त नहीं लगता। इस बार, मैं एक तालाब देखता हूं और उसके आस-पास जीव-जंतु। वो उस स्वच्छ और साफ़ पानी से अपनी ताप बुझा रहे है। मैं अब आगे कैसे बढूँ। मैंने आखिरकार पानी तो ढूंढ लिया लेकिन यह तो जंतुओं से घिरा हुआ है। मैंने अपने हृदय को समझाया कि हर किसी को पानी का अधिकार है। मैं यूँ ही उन्हें भगा नहीं सकता और उन्हें इससे वंचित नहीं कर सकता। प्रकृति लोगो को जीने यापन के लिए प्रचुर मात्रा में संसाधन उपलब्ध कराती है। लेकिन मैं उन धागों में से हूँ जो अपना जाल खुद बुनता है। मैं उस बिंदु से बेहतर नहीं हूं जो कि मैं खुद को इसका स्वामी मानता हूं। मैं अपने हाथों से पानी लेता हूं और इसे घर से लाई हुई छोटी सुराही (बोतल) में डाल देता हूं। चुनौती का पहला चरण मिल गया। अब मुझे खाने की तलाश करनी चाहिये।



मैं रास्ते पर चलता गया, इस उम्मीद में की मुझे कुछ खाने का मिल जाए। अब जबकि दोपहर भी बीत गई है, मेरे पेट में भूख बढ़ती है। मैं रास्ते के दोनों तरफ देखता हूँ। पर लगता है खाना जंगल में ही है। हम प्रायः आसान रास्ते की तलाश करते है लेकिन यह वह रास्ता नहीं होता जो सफलता कि ओर ले जाए? ( हर वो पर्वतारोही जो पथ पर आगे बढ़ते हुए पहाड़ पर चढ़ता है वो प्रथम पर्वतारोही नहीं होता जो पहाड़ की चोटी पर पहुंचा हो) छोटे रास्ते आपको अपने लक्ष्य तक जल्दी पहुँचाते है। इस सोच के साथ कि कुछ वक्त के बाद मैं यह रास्ता छोड़ दूंगा और जल्द ही मुझे केले तथा नारियल के पेड़ मिल जायेंगे, और मैं उन्हें अपना खाना बना लूंगा। मुझे उसी शक्ति और भरोसे के साथ उन पेड़ों पर चढ़ना होगा जिस भरोसे और शक्ति के साथ मैं इस पर पहाड़ चढ़ा हूँ। मैं एक बार प्रयत्न करता हूँ, दो बार करता हूँ, तीन बार करता हूँ और सफल हो जाता हूँ। मैं अपनी झोपड़ी में वापस जाता हूं क्योंकि मैंने अपनी पहली चुनौती पूरी कर ली है।




दूसरी चुनौती


जैसे ही मैं अपनी झोंपड़ी में पहुँचा मैंने देखा कि पहाड़ों की संरक्षक पहले से भी अधिक शानदार लग रही थी। उसकी आँखे मेरे से कभी दूर नहीं हुईं थी। मुझे लगता है मैं परमेश्वर के लिए कुछ ख़ास हूँ। मैं उनकी मौजूदगी हमेशा महसूस कर सकता हूँ। वो मुझे हर तरह से पुनः जीवित कर देते हैं। जब मैं बेरोजगार था, उन्होंने मेरे लिए दरवाज़ा खोला, जब मेरे पास पेशेवर तरीके से ऊँचा उठने के लिए पर्याप्त मौके नहीं थे, उन्होंने मुझे नया रास्ता दिखाया, मुसीबत के समय में, मुझे शैतान के बंधनों से मुक्त किया। कुछ भी हो, लेकिन उस अंजान औरत से अनुमोदन उस आदमी की याद दिलाता है जो मैं कुछ देर पहले था। मेरा तात्कालिक लक्ष्य था कि मैं उन बाधाओं की परवाह किये बिना जिन्हें मुझे पार करना है जीत जाऊं।



-तो तुमने पहली चुनौती जीत ली। मै तुम्हे मुबारकबाद देती हूं (औरत ने कहा)। पहली चुनती का उद्देश्य था कि अपनी बुद्धिमता तथा अपनी निर्णय लेने तथा बॉटने की क्षमता का पता लगाना। दो रास्ते "विरोधी ताकतों" का प्रतिनिधित्व करते हैं (अच्छा और बुरा)। इंसान दोनों में से कोई भी रास्ता चुनने के लिए मुक्त हैं। अगर कोई दाईं तरफ वाला रास्ता चुनता है तो वह ज़िन्दगी के हर पल में स्वर्गदूतों द्वारा मदद पायेगा। वो वही रास्ता था जो तुमने चुना। जो भी हो, वो आसान रास्ता नहीं है। प्रायः बहुत से शंकायें आपको घेरेंगी और आपको सोचने पर मजबूर करेंगी कि क्या यह रास्ता उस लायक है। दुनिया के लोग हमेशा धोखा देने वाले होंगे और हमेशा आपकी सद्भावना का फायदा उठाएंगे और तो और जो विश्वास आप लोगों पर रखेंगे वो हमेशा आपको दुखी कर देगा। जब भी आप उदास हों, याद रखें: आपके परमेश्वर ताकतवर हैं और वो आपको कभी नहीं छोडेगे। कोई अमीरी या कोई लालच आपके हृदय को दुःख ना पंहुचा सकें। आप ख़ास हो और आपकी कीमत की वजह से परमेश्वर ने आपको अपना बेटा माना है। कभी इस अनुग्रह से गिरना नहीं। बाईं ओर जो रस्ता है वो हर उस मानव के लिए है जिन्होंने परमेश्वर की पुकार का विद्रोह किया। हम सब दिव्य कार्य को करने के लिए पैदा हुए है। हांलाँकि हम में से कुछ लोग भौतिकवाद, बुरे प्रभाव और ह्रदय की खोट के कारण इससे भटक जाते है। जो उस बाएँ रास्ते को चुनते हैं वो लोग अच्छे भविष्य की प्राप्ति नहीं करते, जीसस ने हमे सिखाया है: हर वो पेड़ जो फल नहीं देता वो जड़ समेत उखाड़ा जायेगा और बाहर अँधेरे में फेंक दिया जाएगा। बुरे लोगों की यही किस्मत है क्योंकि परमेश्वर न्यायोचित है। वह समय जब तुम्हें तालाब मिला था और वो दयावान जानवर, दिल ने जोरों से कहा। इसकी हमेशा सुनो और तुम बहुत आगे जाओगे। अपनी चीजों को उस समय बाँटने का उपहार था कि आपका अध्यात्मिक विकास आश्चर्यजनक था। जो बुद्धिमता आपके पास थी उसने आपका खाना ढूंढने में मदद की। सबसे आसान पथ हमेशा वो नहीं होता की हमेशा सही रास्ते का अनुसरण करें। मुझे लगता है कि तुम अब दूसरी चुनौती के लिए तैयार हो गए हो। तीन दिनों में तुम अपने झोंपड़ी से बाहर निकलोगे और तथ्य की खोज करोगे। अपने विवेक से काम लो। अगर तुम सफल हुए तो तुम तीसरी और आखरी चुनौती पर पहुँच जाओगे।



- हमेशा मेरे साथ रहने के लिए धन्यवाद। मुझे नहीं पता की गुफा में मेरा क्या इंतज़ार कर रहा है और ना जाने क्या होगा। आपका योगदान मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। अब जब मैं पहाड़ चढ़ चुका हूँ मुझे लग रहा है कि मेरी ज़िन्दगी बदल गई है। अब मैं ज्यादा आत्मविश्वासी और शांत हूं कि मुझे क्या चाहिये। मै दूसरी चुनौती पूरी कर लूंगा।



- बहुत अच्छे। अब मैं तुम्हे तीन दिन बाद मिलूंगी।



यह कहने के बाद औरत फिर से गायब हो गई। मुझे कीड़ों, मकोड़ों तथा मच्छरों और शाम की शान्ति के साथ अकेला छोड़ गई।




पहाड़ों का भूत


पहाड़ों में रात हुई। मैंने आग जलाई और इसकी चमक ने मेरे दिल को शांति पहुंचाई। मुझे पहाड़ में चढ़े अब दो दिन हो चुके हैं पर अब भी ये मुझे किसी अनजान की तरह लगते हैं। मेरे विचार विचरित हुए और मेरे बचपन में जा के रुके: हँसी मजाक, डर, घटनाएँ। मुझे याद है जिस दिन मैं एक भारतीय वेश भूषा में तैयार हुआ था: धनुष, बाण, और कुल्हाड़ी के साथ। मैं उस पहाड़ पर था जो पवित्र था क्योंकि इस पहाड़ पर रहस्यवादी स्वदेशी आदमी की मृत्यु हुई थी (जनजाति के वैद्य)। मुझे कुछ और सोचना होगा क्योकी डर की वजह से मेरी आत्मा ठंडी पड़ रही है। मेरी झोंपड़ी के आस पास बहुत ही जोरदार आवाजें हो रही है और मुझे पता नहीं ये क्या और कौन है। कोई कैसे ऐसे समय पर अपने डर पर काबू पा सकता है? पाठक मुझे बताएं क्योंकि मुझे नहीं पता। पहाड़ से मैं अब भी अंजान हूं।



आवाज मेरी नजदीक आती जा रही है लेकिन मेरे पास भाग जाने के लिए कोई जगह नहीं है। झोंपड़ी को छोड़ना बेवकूफी होगी क्योंकि मैंने ऐसा किया तो मैं क्रूर जानवरों का शिकार बन जाऊँगा। जो भी है मुझे सहना पड़ेगा। आवाज बंद होती है और एक रोशनी दिखाई पड़ती है। ये मुझे और डराती है। थोड़ी हिम्मत करके मै पूछता हूँ:



- परमेश्वर के नाम पर, कौन है वहाँ पर?



एक आवाज, अस्पष्ट झंकार के साथ कहती है:



- मैं एक साहसिक योद्धा हूँ जिसने निराशा की गुफा को तबाह कर दिया है अपने सपनों को छोड़ दो वरना तुम्हारी भी यही किस्मत होगी। मैं एक छोटा सा, स्वदेशी आदमी हूँ जो क्सुकुरु देश के एक गाँव का रहने वाला हूँ। मैं अपनी जाति का मुख्य प्रधान बनना चाहता था और सिंह से भी ताकतवर होना चाहता था। मैंने पहाड़ों के संरक्षक द्वारा दी गई तीन चुनौतियां जीत ली थी। लेकिन, गुफा में घुसने के बाद, मैं उसकी आग द्वारा निगल लिया गया था जिसने मेरे दिल तथा लक्ष्य को चकनाचूर कर दिया था। आज मेरी आत्मा भटकती है और ना-उम्मीदी से इस पहाड़ में फंस गई है। मेरी बात सुनो वरना तुम्हे भी यही भुगतना पड़ेगा।



मेरी आवाज कुछ देर के लिए रुक गई और मैं उस सताई हुई आत्मा को कुछ प्रतिक्रिया नहीं दे पाया। उसने अपना मकान, खाना, घर जैसा माहौल सब पीछे छोड़ दिया था। मेरी अभी गुफा में दो चुनौतियाँ बाकी थीं, वह गुफा जो असम्भव को भी संभव कर दे। जल्दी से मैं अपने सपनों की नहीं छोडूंगा।



- परम योद्धा, सुनो मेरी बात। ये गुफा छोटे मोटे चमत्कार नहीं करती। अगर मैं यहाँ हूं तो किसी महान कारण की वजह से हूं। मैं भौतिक वस्तुओं की परिकल्पना नहीं करता। मेरे सपने उससे ऊपर हैं। मैं अपने आपको पेशेवर तथा आध्यत्मिक रूप से विकसित करना चाहता हूँ। संक्षेप में कहें तो मैं वह करना चाहता हूँ जिसको करके मुझे ख़ुशी मिलती है, जिम्मेदारी से पैसे कमाना चाहता हूँ और अपनी प्रतिभा के योगदान से एक बेहतर सृष्टि बनाना चाहता हूँ। मैं अपने सपनॉन के लिए इतनी जल्दी हार नहीं मान रहा।



भूत ने कहा:

-क्या तुम गुफा और उसके जाल के बारे में जानते हो ? तुम कुछ भी नहीं लेकिन एक कमजोर जवान आदमी हो जो रास्ते में आने वाले जिस पथ पर आगे बढ़ रहे हो असीम खतरों से अंजान हो। वो संरक्षक एक मायावी है जो तुम्हे बहका रही है। वो तुम्हे बर्बाद कर देना चाहती है।



भूत के बहुत की हठ ने मुझे परेशान कर दिया। क्या वह मुझे जानता था, संयोग से? परमेश्वर अपनी दया से मुझे असफल नहीं होने देंगे। परमेश्वर और कुंवारी मैरी हमेशा मेरी तरफ रहे हैं। इस का सबूत मेरे पूरे जीवन में कुंवारी की आत्मीयता थी।। "vision of a medium" में (एक किताब जो मैं मैंने अभी तक प्रकाशित नहीं की) एक दृश्य है जहाँ पर मैं एक भवन के मेज पर बैठा हुआ हूं, जहाँ हवाएं और पक्षी मुझे उत्तेजित कर रहे है, और मैं दुनिया और ज़िन्दगी की गहन सोच में डूबा हुआ हूँ। अचानक से, एक औरत की छाया दिखाई पड़ी जिसने मुझसे पूछा:



-क्या तुम परमेश्वर में भरोसा करते हो, मेरे पुत्र?



मैंने तुरंत जवाब दिया:



- निश्चित ही और अपनी सभी चीजों के साथ।



तुरंत ही उसने अपने हाथ को मेरे सर पर रखा और प्रार्थना की:



- प्रभुता के परमेश्वर तुम्हे जीवन में रौशनी और उपहार प्रदान करें।



यह कहकर वह चली गई, और जब मुझे इसका अहसास हुआ, वो तब तक जा चुकी थी। वह गायब हो गई थी।



वह कुंवारी मैरी का मेरी जिंदगी में पहला दर्शन था। फिर से वह मेरे पास भिखारी के भेष में छुट्टा मांगने आई। उसने कहा कि वह किसान है और अब भी काम करती है। तत्परता से, जो भी सिक्के मेरी जेब में थे मैंने उसे दे दिए। पैसे मिलने के बाद उसने मुझे धन्यवाद कहा और जब तक मुझे यह पता चलता वह गायब हो गई थी। उस समय, पहाड़ों में, मुझे तनिक भी शंका नहीं थी कि परमेश्वर मुझसे प्यार करते हैं और मेरी तरफ हैं। इसीलिए मैंने भूत से रुखेपन से बात की।



- मैं तुम्हारी सलाह को नहीं सुनुँगा। चले जाओ, मुझे अपनी सीमायें तथा भरोसे का पता है। दूर जाओ, एक घर या कोई और जगह पर जाओ। मुझे अकेला छोड़ दो।



रौशनी चली गई और मैंने जाते हुए कदमों की आवाज सुनी जो झोंपड़ी से दूर जा रहे थे। मै भूत से मुक्त था।




डी-डे


दूसरी चुनौती के बाद से तीन दिन बीत चुके थे। वह शुक्रवार का दिन था, साफ़, प्रकाशित और रोशनीपूर्ण। मैं क्षितिज पर विचार कर रहा था जब वह अजीब औरत मेरे समीप पहुँची।



-क्या तुम तैयार हो? कोई भी अनहोनी घटना के लिए तैयार रहो तथा अपने सिद्धान्तों के अनुसार काम करो। यह तुम्हारी दूसरी परीक्षा है।



- ठीक है, मै तीन दिनों से इस घडी का इंतज़ार कर रहा था, मुझे लगता है मैं तैयार हूँ।



जल्दी से मै उस रास्ते के पास पहुंच गया जो मुझे जंगल ले जाता है। मेरे पैर बिलकुल संगीतमय ताल से चले। असल में यह दूसरी चुनौती क्या थी? चिंता ने मुझे अपने बस में कर लिया और मेरे पैर उस अंजान वस्तु की तलाश में गतिमान हो गए। बिलकुल सामने एक रास्ता उभरा जो विभाजित और अलग होता था। जब मैं वहां पंहुचा, तो मेरे लिये यह आश्चर्यजनक था कि वह विभाजन चला गया था और मैं उसकी जगह सामने के दृश्य को देख रहा था: एक लड़का, एक जवान के द्वारा घसीटा जा रहा है और जोर जोर से रो रहा है। अन्याय के भाव की भावनाएं मुझ पर हावी हो गई और इसलिए मैंने कहा:



-बच्चे को जाने दो, वह तुमसे छोटा है और खुद को बचा भी नहीं सकता।



-मैं नहीं जाने दूंगा। मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूँ इसके साथ क्योंकि यह काम नहीं करना चाहता।



-जानवर कहीं के। बच्चों को काम नहीं करना पड़ता। उन्हें पढाई करनी चाहिए और शिक्षित बनना चाहिये। उसे छोड़ दो!



-इसको कौन छुड़ाएगा, तुम?



मै हिंसा के सख्त खिलाफ हूँ लेकिन इस समय मेरे दिल ने कहा कि मुझे इस शैतान से लड़ना चाहिये। बच्चा छूटना ही चाहिये।



आराम से मैंने बच्चे को उस शैतान से अलग किया और उस आदमी को मारने लगा। उसने भी हरकत की और मुझे कुछ घूंसे मारे। उसमे से एक मुझे बहुत पास से लगा। दुनिया शिथिल हो गई और एक ताकतवर मर्मज्ञ हवा ने मुझे पूरी तरह झकझोर कर रख दिया: सफ़ेद और नीले आसमान ने स्वफिट पक्षियों के साथ मेरे दिमाग में घुसपैठ कर दी। एक पल में ऐसा लग रहा था कि मेरे पूरा शरीर हवा में तैर रहा है। बड़ी दूर से एक आवाज़ ने पुकारा। दूसरे पल में ऐसा था कि मैं दरवाजों से गुजर रहा हूँ, जैसे एक के बाद एक बाधाओं में से। दरवाजे अच्छे से बंद थे और उन्हें खोलने के लिये एक बहुत जोर की ताकत की जरूरत पड़ी। हर दरवाजा क्रमशः या तो किसी बरामदे में या फिर किसी पुण्यस्थान पर पहुँचने में मदद करता था। पहले बरामदे में मैंने पाया कि कुछ जवान लोग सफ़ेद कपडे पहने हुए, टेबल के चारों तरफ इकट्ठे हुए हैं जिसमे बीच में खुली हुई बाइबिल रखी है। ये वही थे जो कुंवारी द्वारा भविष्य की दुनिया में राज करने के लिए चुने गए थे। एक ताकत ने मुझे उस कमरे से बाहर धक्का दिया और मैंने दूसरा दरवाजा खोला और मैं पहले पुण्यस्थान पर पहुँच गया। वेदी के किनारे, अगरबत्तियां ब्राज़ील के कमजोर लोगों के निवेदन के साथ जल रहीं थी। दाईं तरफ, एक पंडित जोर से प्रार्थना कर रहा था और अचानक से दोहराना शुरू कर दिया: द्रष्टा! द्रष्टा! द्रष्टा! उसके बगल में दो औरतें सफदे कपड़ों में थी। जिस पर लिखा था: संभव सपना। हर चीज काली होने लगी, जब मैं होश में आया तो मुझे बहुत जोर से खींचा जा रहा था इतनी तीव्रता से कि मुझे थोड़ा चक्कर आ गया। अब मैंने तीसरा दरवाजा खोला और पाया कि कुछ लोग मिलकर बैठक कर रहे है: एक पादरी, एक पंडित, एक बौद्ध, एक मुस्लिम, एक अध्यात्मवादी, एक यहूदी और एक अफ्रीकन धर्मो का प्रतिनिधि। वो लोग एक गोल घेरा बनाकर खड़े हुए थे और बीच में आग जल रही थी और लपटें नाम को उल्लेखित कर रही थी, "लोगो का संघ और परमेश्वर तक रास्ता" आखिर में उन्होंने मेरे साथ आलिंगन किया और मुझे समूह में सम्मिलित किया। आग मध्य से हट गई और मेरे हाथों पर आ गई और शब्द लिखे "शिक्षुता"। आग पूर्ण रूप से रौशनी थी और जल नहीं रही थी। समूह टूट गया, आग चली गई और दोबारा मुझे कमरे से धक्का दे दिया गया जहाँ मैंने चौथा दरवाज़ा खोला। दूसरा पुण्यस्थान पूरी तरह खाली था और मैं वेदी की तरफ बढ़ा। मैं समृद्ध धार्मिक अनुष्ठान के लिये श्रद्धा में घुटनों के बल बैठ गया, एक कागज़ जो जमीन पर पड़ा था उसे उठाया और अपनी मुराद लिख दी। मैंने कागज़ मोड़ा और तस्वीर के चरणों पर रख दिया। वह आवाज जो बहुत दूर थी अचानक से साफ़ और सटीक हो गई। मैंने पुण्यस्थान छोड़ दिया, दरवाजा खोला और आखिकार उठ गया। मेरे बगल में पहाड़ों की संरक्षक थी।



- तो तुम उठ गए। मुबारक हो! तुमने चुनौती जीत ली है। दूसरी चुनौती का उद्देश्य खुद की क्षमता तथा कार्य की खोज करना था। दो रास्ते जो "विरोधी ताकतों" का प्रतिनिधित्व कर रहे थे वो अब एक हो गए हैं। इसका मतलब है कि तुम्हे दाएं तरफ के रास्ते पर चलना होगा उस ज्ञान को बिना भूले जो तुम्हे बाईं तरफ चलने पर मिलेगा। तुम्हारे रवैये ने उस बच्चे की जान बचायी इसके बावजूद की उसे इसकी कोई जरुरत नहीं थी। वह पूरा दृश्य मेरे द्वारा तुम्हारे दिमाग का मूल्यांकन करने के लिये रचित खेल था। तुमने सही कदम उठाया। बहुत से लोग जब अन्याय होते देखते हैं तो उसमें दखलंदाज़ी नहीं करते। ऐसी चूक एक जघन्य अपराध है और वह आदमी अपराध का साथी बन जाता है। तुमने अपने आप को झोंक दिया जैसे की जीसस क्राइस्ट ने किया था। यह वह सीख है जो तुम्हारे साथ जिंदगी भर रहेगी।



-मुझे मुबारकबाद देने के लिए धन्यवाद। मैं हमेशा उन लोगो के साथ खड़ा होऊंगा जो अपवर्जित है। मैंने जो अध्यात्मीक अनुभव किया वह मेरे लिए पहेली है। उसका क्या मतलब है? क्या आप मुझे समझा सकती हैं?



-हम सब के पास वह क्षमता है कि हम विचारों के द्वारा दूसरी दुनिया को समझ सकते हैं यह है, जिसे सूक्ष्म यात्रा कहा जाता है। यहाँ इस मुद्दे से सम्बंधित कुछ विशेषज्ञ है। जो तुमने देखा वो तुम्हारे या किसी दूसरे के भविष्य से सम्बंधित है, आपको नहीं पता।



-मैं समझता हूँ। मैं पहाड़ चढ़ गया, पहले दो चुनैतियां भी पूरी कर ली और मै अध्यात्मीक रूप से विकसित हो रहा होऊंगा। मुझे लगता है जल्द ही मैं निराशा की गुफा का सामना करने के लिए तैयार हो जाऊँगा। वह गुफा जहाँ चमतकार होते हैं तथा सपने और प्रगाढ़ हो जाते हैं।



-तुम्हे तीसरी चुनौती करनी होगी और वह क्या है मैं कल बताऊंगी। निर्देशों का इंतज़ार करो।



-जी। मैं बड़ी ही व्याकुलता से उसका इंतज़ार करूँगा। जैसा की आप मुझे कहती हैं, परमेश्वर का पुत्र, वह अब बहुत भूखा है और अपने लिए सूप बनायेगा, आप आमंत्रित है।



-बहुत अच्छे। मुझे सूप बहुत पसंद है। इसे मैं तुम्हे अच्छे से जानने के मौके के रूप में उपयोग करुँगी।



वह अजीब औरत चली गई और मुझे अपने ख्यालों के साथ अकेला छोड़ गई। मैं जंगल में सूप के लिए सामग्रियां ढूंढने चला गया।




जवान लड़की


जब तक सूप तैयार हुआ तब तक पहाड़ों में अँधेरा हो चुका था। रात की ठंडी हवाएं और कीड़ों की भिनभिनाहट माहौल को और गवारू बना रही थी। अजीब औरत अभी तक झोंपडी में नहीं आई थी। मुझे उसके पहुँचने से पहले सब चीजों को सही जगह पर रखना जरूरी था। मैंने सूप को चखा। वह सचमुच में बहुत अच्छा था बावजूद इसके कि उसमें सारे मसाले नहीं थे। मैं झोंपडी से थोड़े देर के लिए बाहर निकला और स्वर्ग की परिकल्पना करने लगा: मेरे प्रयास के सितारे भी गवाह थे। मैं पहाड़ चढ़ा, उसके संरक्षक को ढूंढा और दो चुनौतियां भी पूरी कर ली (एक दूसरे से ज्यादा कठिन थी), एक भूत से मिला और मैं अब भी यहाँ खड़ा हूँ। "गरीब सपनों के लिये ज्यादा तड़पते हैं"। मैं तारों की व्यवस्थाओं तथा उनके प्रकाश को देखने लगा। इस महान ब्रम्हांड में जहाँ हम रहते है वहाँ हर एक का अपना महत्व है। वैसे ही इंसान भी महत्वपूर्ण है। वे अमीर, गरीब, गोरे, काले, एक धर्म के, दूसरे धर्म के या किसी और के उपासक हो सकते हैं। सब एक ही पिता के बच्चे हैं। मैं भी इस ब्रम्हांड में अपनी जगह लेना चाहता हूँ। मैं सोचता हूँ बिना किसी सीमा के। मुझे लगता है कि यह सपना अमूल्य है लेकिन मैं निराशा की गुफा में जाने के लिए उसका मूल्य चुकाने के लिए तैयार हूँ। मैं स्वर्ग के बारे में फिर से एक बार ध्यान करता हूँ और झोंपड़ी में वापस चला जाता हूँ। मैं वहाँ संरक्षक को पाकर अचंभित नहीं होता हूँ।



-क्या आप बहुत देर से यहाँ हो? मुझे पता ही नहीं चला।



- तुम स्वर्ग की तरफ ध्यान करने में इतने मग्न थे कि मैं उस क्षण में तुम्हे भंगित नहीं करना चाहती थी। उस से भी अधिक, मुझे घर जैसा लग रहा था।



- अच्छी बात। अब इस मेज पर बैठ जाओ जो मैंने बनाया है वह सूप तुम्हे परोसता हूँ।



गर्म सूप के साथ मैंने उस अजीब औरत को लौकी भी परोसी जो मुझे जंगल में मिली थी। रात में बहती हवा ने मेरे चेहरे को सहलाया और मेरे कानों में कुछ कहा। वह अजीब औरत कौन थी जिसे मैं परोस रहा था? मैं आश्चर्य में हूँ की क्या वह सच में मुझे बर्बाद करना चाहती है जैसा कि उस भूत ने सूचित किया था। मुझे उसके बारे में कई शक थे और उन सब को दूर करने का यह सही समय था।



- क्या सूप अच्छा है? मैंने बहुत सावधानी से बनाया है।



- यह बहुत ही अच्छा है। तुमने इसे बनाने के लिए क्या उपयोग किया है?



- यह पत्थरों से बना है। मजाक कर रहा हूँ! मैं चिड़ीमार से से एक चिड़िया लाया और प्राकृतिक मसालों का उपयोग किया जो मुझे जंगल में मिले। लेकिन, विषय बदलते हैं, तुम सच में कौन हो ?



- यह अच्छी मेहमाननवाज़ी दिखाना है कि मेजबान अपने बारे में पहले बात करें। तुम्हें पहाड़ की चोटी पर आए अब चार दिन हो गए है और अब तक मुझे तुम्हारा नाम तक नहीं पता।



- बहुत अच्छे। लेकिन यह एक लंबी कहानी है। मेरा नाम अलडीवन टेक्सइरा टोर्रेस है और मैं महाविद्यालय स्तर का गणित पढ़ाता हूं। मेरे दो जूनून साहित्य और गणित हैं। मैं हमेशा से किताब प्रेमी रहा हूँ और बचपन से मैं अपनी किताब लिखना चाहता हूँ। जब मैं उच्च स्कूल में था तो मैंने एक्सीलेसिएस्ट्स(सभोपदेशक) की किताब के कुछ अंश इकठ्ठे किये थे, बुद्धिमता और कहावतें। मैं बहुत खुश था इसके बावजूद कि वह लेख मेरे नहीं थे। मैंने बड़े गर्व से उसे सबको दिखाया। मैंने उच्च शिक्षा पूरी की और कम्प्यूटर का कोर्स किया और पढाई कुछ समय के लिये बंद कर दी। उसके बाद मैंने कालेज से तकनीकी कोर्स करने के कोशिश की। लेकिन मुझे लगा कि वह मेरा क्षेत्र नहीं है। हालांकि मैं उस क्षेत्र में इंटर्नशिप के लिए तैयार था। हालाँकि परीक्षा के दिन पहले कोई अनजान ताकत मुझसे हार मान लेने की जिद्द करती रही। जैसे समय बिताता गया, मैं उतना ज्यादा ही दबाव इस ताकत के द्वारा महसूस करने लगा जब तक मैंने यह निर्णय कर लिया की मैं परीक्षा नहीं दूंगा। दबाव हट गया और मेरा ह्रदय भी शांत हो गया। मुझे लगता है यह किस्मत थी जिसने मुझे जाने नहीं दिया। हम सब को अपनी सीमाओं का आदर करना चाहिए, मैंने बहुत से निवेदन किये, मंजूरी मिली और अब मैं शिक्षा विभाग में प्रशासनिक सहायक के पद पर आसीन हूँ। तीन साल पहले मुझे किस्मत का एक और संकेत मिला। मुझे कुछ समस्या थी और मुझे तंत्रिका अवसाद हो गया। तब से मैं लिखने लगा और कुछ ही समय में उसने उभरने में मेरी मदद की। उसका परिणाम किताब "विज़न ऑफ़ मीडियम" थी जो अभी तक मैंने प्रकाशित नहीं की है। यह सब से मुझे लगा की मैं लिख सकता हूँ और एक पेशेवर हो सकता हूँ। मैं यह सोचता हूँ: मैं वह काम करना चाहता हूँ जो मुझे पसंद है और जिससे मैं खुश रह सकता हूँ। क्या एक गरीब व्यक्ति से पूछने के लिए बहुत ज्यादा है?



- बिलकुल भी नहीं, अलडीवन। तुममे प्रतिभा है जो कि इस दुनिया में बहुत दुर्लभ है। सही समय में तुम सफलता प्राप्त करोगे। जीतने वाले वही होते हैं जो अपने सपनों पर भरोसा करते हैं।



- मैं भरोसा करता हूँ इसलिए मैं यहाँ हूँ जहाँ पर सभ्यता बसाने वाली जरूरी चीजें अभी तक नहीं पहुँच पाईं हैं। मैंने पहाड़ चढ़ने का रास्ता ढूंढ लिया, सभी चुनौतियों पर विजय पाने के लिये। अब मेरे लिए सिर्फ यह ही रह गया है की गुफा में जाऊं और अपने सपनों को पूरा करूँ।



- मैं तुम्हारी मदद करने के लिए यहाँ हूं। जब से यह पहाड़ पवित्र हुआ है तब से मैं इस पहाड़ की संरक्षक हूँ। मेरा मकसद उन सब सपने देखने वालों की मदद करना है जो निराशा की गुफा ढूंढ रहे है। कुछ लोग भौतिकवादी सपने को सच करना चाहते है जैसे कि पैसा, ताकत, सामाजिक प्रतिष्ठा या दूसरे खुदगर्ज सपने। सब असफल हो गए और ऐसा करने वाले सिर्फ कुछ नहीं थे। गुफा सपनों को पूरा करने में निष्पक्ष है।



बातचीत कुछ समय के लिये लगातार चलती रही। मेरा ध्यान धीरे धीरे घट रहा था क्योंकि कोई अजीब सी आवाज मुझे झोंपड़ी के बाहर बुला रही थी। जब भी वो आवाज मुझे पुकारती थी मैं उत्सुकता से बाहर जाना चाहता था। मुझे जाना ही था। मैं जानना चाहता था कि मेरे विचारों में उस अजीब आवाज़ का क्या मतलब है। धीरे से, मैंने अजीब औरत को अलविदा किया और आवाज जिस दिशा से आ रही थी उसी दिशा में चला गया। मेरा क्या इंतज़ार कर रहा है? चलिए पाठकों, संग आगे बढ़ते हैं।



रात ठंडी थी और वह आग्रहपूर्ण आवाज मेरे दिमाग में बसी रही। हम दोनों के बीच कुछ अजीब सा रिश्ता था। मैं कुछ फ़ीट अपनी झोंपड़ी से चल चुका था लेकिन मेरे शरीर की थकान के वजह से वह दूरी मुझे कई मील लग रही थी। जो निर्देश मुझे आंतरिक रूप से मिले वह मुझे अँधेरे में ले जा रहे थे। थकान, अंजान का डर और और उत्सुकता के मिश्रण ने मुझे बाँध रखा था। वह अजीब आवाज किसकी थी ? वह मुझसे क्या चाहती थी ? पहाड़ और उसके राज…....जब से मुझे पहाड़ को जानने का मौका मिला, मैंने इसका आदर करना सीखा। संरक्षक और उसके राज, चुनौतियां जिनका मुझे सामना करना है, भूत से सामना; सब ख़ास हो गए थे। वह उत्तरपूर्व में सबसे ऊंचा भी नहीं था और बहुत प्रभावी भी नहीं था लेकिन वह पवित्र था। वैद्य के मिथ्य और मेरे सपने मुझे यहाँ ले आए थे। मैं सभी चुनौतियां जीतना चाहता था, गुफा में प्रवेश करना चाहता था और मैं अपना निवेदन कहना चाहता था। मैं एक बदला हुआ इंसान हो जाऊंगा। मैं सिर्फ मैं नहीं रहूंगा लेकिन मैं वह इंसान हो जाऊँगा जिसने गुफा और उसके आग पर जीत पा ली है। मुझे संरक्षक की कही बात याद है कि ज्यादा भरोसा मत करना। मुझे जीसस की बात याद है जिन्होंने कहा था:

- वह जो मुझ पर भरोसा करेगा वह अनंतकाल तक जीएगा।



खतरा मुझे अपने सपनों को छोड़ने वाला बना देगा। इस विचार के साथ मैं ज्यादा विश्वास से भर गया हूँ। आवाज ताकतवर और ताकतवर होती जा रही है। मुझे लगता है मैं अपने गंतव्य में पहुँचने वाला हूँ। मुझे सामने, एक झोंपड़ा दिखाई दिया। आवाज मुझे वहां जाने को कहती है।



झोंपड़ा और जलती आग एक सतही जगह पर है। एक जवान, लंबी औए पतली सी लड़की, काले बालों वाली, किसी तरह की खाने को भून रही है।



- तो तुम पहुंच गए। मुझे पता था मेरे बुलाने पर तुम आओगे।



- तुम कौन हो? तुम्हें मुझसे क्या चाहिये ?



- मैं भी एक सपने देखने वाली हूँ जो गुफा में प्रवेश करना चाहती है।



- तुम्हारे पास ऐसी क्या ख़ास शक्तियां है जो मुझे अपने दिमाग से बुला लिया?



- यह टेलीपैथी है, बेवकूफ। क्या तुम इसके बारे में नहीं जानते?



- मैनें इसके बारे में सुना है, क्या तुम मुझे सिखा सकती हो?



- तुम एक दिन सीख जाओगे पर मुझसे नहीं। मुझे बताओ कैसे सपनों ने तुम्हे यहाँ बुलाया है?



- सबसे पहले, मेरा नाम अलडीवन है। मैं पहाड़ों पर इस उम्मीद से चढ़ा की मुझे अपनी “विरोधी ताक़तें” मिलेंगी। वो मेरा भविष्य परिभाषित करेंगी। जब कोई अपनी “विरोधी ताकतों” को नियंत्रण में कर लेता है तो वह चमत्कार करने के काबिल हो जाता है। यही है वह जिसे मैं हासिल करना चाहता हूँ मेरा सपना है कि अपने पसंदीदा क्षेत्र में काम करना चाहता हूँ जिसमे मैं खुश रह सकूँ और कई लोगों को सपने दिखा सकूँ। मैं गुफा में जाना चाहता हूँ लेकिन सिर्फ अपने लिये नहीं बल्कि इस पूरे ब्रम्हांड के लिए जिसने मुझे ये तोहफे दिये हैं। दुनिया में मेरी जगह होगी और ऐसे मैं खुश रहूँगा।



- मेरा नाम नादजा है। मैं परनामबुको तट की रहने वाली हूँ। अपने यहाँ मैंने इस जादुई पहाड़ और गुफा के बारे में बहुत बातें सुनी है। तुरंत ही मुझे इस यात्रा को करने में दिलचस्पी हुई थी इस विचार के बाद भी कि यह सिर्फ एक कल्पित कहानी है। मैनें अपना सामान इकठ्ठा किया और, चल पड़ी, और मिमोसो पहुँची और पहाड़ों में आ गई। मैंने जैकपॉट मारा अब जब मैं यहाँ हूँ, मैं गुफा में जाऊंगी और मैं अपनी इच्छा पूरी कर लूंगी। मैं एक महान देवी होऊँगी, ताकतों और वरदानों से भरपूर। सब मेरी सेवा करेंगे। तुम्हारे सपने तो बहुत बकवास हैं। लेकिन क्यों कम मांगे जब हम सब सारा संसार मांग सकते है ?



- तुम गलत हो। गुफा कोई छोटे मोटे चमतकार नहीं करती। तुम असफल हो जाओगी। संरक्षक तुम्हे प्रवेश नहीं करने देंगे। गुफा में प्रवेश करने के लिये तुम्हे तीन चुनौतियां जीतनी पड़ेंगी। मैंने पहले दो पड़ाव पर कर लिये हैं। तुमने कितने जीते हैं?



- कितना बचकाना है, चुनैतियां और संरक्षक। गुफा उन्ही की इज़्ज़त करती है जो सबसे ताकतवर और सबसे ज्यादा विश्वासी होते हैं। मैं कल अपनी आकांक्षाओ को पूरा कर लूंगी और मुझे कोई नहीं रोक सकता, सुना तुमने?



- तुम ज्यादा अच्छा जानती हो। जब तुम्हें पछतावा होगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। मुझे लगता है मुझे चलना चाहिये मुझे आराम की जरूरत है क्योंकि बहुत देर हो चुकी है। मैं तुम्हे शुभकामनायें नहीं दे सकता क्योंकि तुम तो परमेश्वर से भी महान होना चाहती हो। जब मनुष्य इस जगह पर पहुँच जाता है तो वह खुद को बर्बाद कर लेता है।



- बेकार है सब, सिर्फ कहने की बातें है। कोई भी चीज मुझे अपने निर्णय लेने से नहीं रोक सकती।



यह देखते हुए की वह अटल है मैंने प्रयास करना छोड़ दिया, उसके लिए बुरा लग रहा था। कैसे लोग इतने तुच्छ हो सकते हैं? इंसान सिर्फ उसी समय सही होते हैं जब वे सच और समतावादी आदर्शों के लिए लड़ते हैं। रास्ते पर चलते हुए मुझे याद आया कि कितनी बार मैं गलत था या तो कमजोर आंकलन की वजह से या फिर दूसरे की उपेक्षा से आए हुए से। यह मुझे उदास करता था। ऊपर से, मेरा परिवार मेरे सपनों के खिलाफ था और मुझ पर भरोसा नहीं करते थे। यह बहुत ही दुखदायी था। एक दिन वह देखेंगे कि सपने पूरे हो सकते हैं। उस दिन, यह सब पूरा करने के बाद मैं अपने जीत की ख़ुशी मनाऊँगा औए बनाने वाले का गुणगान करूंगा। उसने मुझे सब दिया और बस यही चाहा की मैं अपने तोहफों को दूसरों के संग बाटूँ, क्योंकि बाइबिल कहती है, चिमनी जलाने के बाद उसे मेज के नीचे मत रखो इसके बजाए उसे ऊपर रखो क्यूंकि सभी के लिए इसे सराहना और प्रबुद्ध होना चाहिए। रास्ता खत्म होता है और मैं देखता हूँ उस झोंपडी को मैंने जिसे इतनी मेहनत से बनाया है। मुझे सोने जाना है क्योंकि कल दूसरा दिन है और मेरे पास अपने और दुनिया के लिये योजनाएं है। शुभरात्रि, पाठको। अगले अध्याय तक…..........




भूकंप


नए दिन की शुरुआत हुई। रोशनी हुई, सुबह की ठंडी हवाओं ने मेरे बालों को सहलाया, चिड़ियां और कीड़े खुशियां मना रहे है, ऐसा लग रहा है वनस्पति फिर से जीवित हो गए हैं। ऐसा हर दिन होता है। मैंने आँखे साफ़ की, मुंह धोया, दाँतों को साफ़ किया और नहाया। ब्रेकफास्ट के पहले यह मेरा नियमित कार्यक्रम था। जंगल आपको फायदा या विकल्प नहीं देते। मैं इसका आदी नही हूँ। मेरी माँ ने मुझे बचपन से ही कॉफ़ी देकर बिगाड़ दिया है। मैं अपना नाश्ता शांति के साथ करता हूँ लेकिन मेरे दिमाग में कुछ चल रहा है। तीसरी और आखिरी चुनौती क्या होगी? गुफा में मेरे साथ क्या होगा? बिना उत्तर वाले इतने सवाल थे जो मुझे पागल किये जा रहे थे। सुबह आगे बढ़ी और साथ ही मेरी धड़कन, सांसे और डर भी। मैं अब कौन था? निश्चित ही वह नहीं था जो पहले था, मैं एक पवित्र पहाड़ में अपनी किस्मत को ढूंढते हुए चढ़ गया जिसके बारे में मैं भी नहीं जानता था। मैंने संरक्षक को ढूंढा और उन मूल्यों के बारे में सीखा जो मेरी कल्पना से भी बड़ी दुनिया के बारे में थे जिसके बारे मे मैंने सोचा तक नहीं था कि यह अस्तित्व में भी होगा। मैनें दो चुनैतियां जीत लीं अब केवल तीसरी चुनौती का सामना करना है। एक तीसरी चुनौती जो दूरवर्ती तथा अज्ञात थी। झोंपडी के पास पत्ते थोड़ा और आ गए। मैं प्रकृति और उसके इशारों को समझना सीख गया था। कोई पुकार रहा है।



- हेल्लो! क्या आप वहाँ है?

मैं गया और नज़रों को दूसरी ओर फेर लिया और संरक्षक के रहस्यमयी हाव-भाव की परिकल्पना करने लगा। वो खुश दिखाई दे रही थी और ऐसी उम्र में भी खिली हुई दिख रही थी।



-जैसा की तुम देख सकती हो, मैं यहाँ हूँ। तुम मेरे लिए क्या समाचार लाई हो?



- जैसा की तुम जानते हो, आज मैं तुम्हें तुम्हारी आखिरी और तीसरी चुनौती सुनाने आई हूँ। यह तुम्हारे पहाड़ में रहने के सातवें दिन होगा क्योंकि यह किसी नश्वर के रहने का अधिकतम समय है। यह बहुत ही आसान है और इन चीजों से मिल के बना है: इस झोंपड़ी को छोड़ने के बाद उसी दिन इंसान या राक्षस जिससे पहले तुम्हरे सामना हो उसे मार दो। नहीं तो तुम गुफा में प्रवेश करने के लिए लायक नहीं रहोगे जो तूम्हारी इच्छाओ को पूरा करती है। क्या कहते हो तुम? क्या यह आसान नहीं है?



- कैसे भला? मारना? क्या मैं कोई कातिल दिखता हूँ?



- यह गुफा में तुम्हारे प्रवेश करने का केवल यही तरीका है। खुद को तैयार कर लो क्योकि अब सिर्फ दो ही दिन बचे हैं।



एक 3.7 तीव्रता के भूकंप ने पहाड़ के चोटी को पूरा हिला के रख दिया। भूकंप की वजह से मुझे चक्कर आने लगे और मुझे लगा की मैं बेहोश हो के गिरने वाला हूं। ज्यादा से ज्यादा विचार मन में आ रहे है। मैं अपनी ताकत कम होते हुए महसूस कर रहा हूँ और ऐसा लग रहा की मेरे हाथ और पांव किसी ने बाँध कर रख दिए हैं। एक झलक में मुझे ऐसा दिखा कि मैं कोई मजदूर हूँ जो खेतों में काम कर रहा हूँ और सेठों द्वारा सताया गया हूं। मैं बेडियां, खून देख रहा हूँ और अपने साथियों की रोने की आवाज सुन रहा हूँ। मैं अमीरी, गर्व और कर्नलों के विश्वासघात को देख रहा हूँ। मैं स्वतंत्रता के लिए उठ रहे सुरों तथा दबाए गए लोगों को न्याय मांगते भी देख रहा हूँ। यह दुनिया कितनी जालिम है! जहाँ कुछ तो जीतते हैं तो कुछ को सड़ने के लिए भुला दिया जाता है। बेड़ियां टूटती हैं। मैं छूट गया हूं, लेकिन अभी भी मुझे घृणा और गलत कामों के लिये भेदभाव के साथ देखा जाता है। मैं अब भी उस श्वेत आदमी के भूत को देखता हूं जो मुझे "काला आदमी" कहकर पुकारता है। मैं अब भी छोटा महसूस करता हूँ। मैं फिर से कोलाहल की आवाज सुन सकता हूँ लेकिन अब आवाज बहुत ही साफ़, सटीक और पहचानी सी है। झटके धीरे धीरे खत्म हो गए और मैं होश में लौटा। किसी ने मुझे उठाया। अब भी थोड़ा स्तम्भित हूँ मैंने कहा:



-क्या हुआ?



संरक्षक रोते हुए, उत्तर ढूंढ नहीं पाईं।



-मेरे पुत्र, गुफा ने फिर से किसी आत्मा की हत्या कर दी। कृपया तीसरी चुनौती को जीत जाओ और इस श्राप को खत्म कर दो। पूरी सृष्टि तुम्हे जीताने में लगी है।



- मुझे नहीं पता कि कैसे जीतना है। केवल परमेश्वर ही अपनी रौशनी से मेरे विचार और कामों को प्रकाशित कर सकते हैं। मैं यह वचन देता हूँ की मैं आसानी से अपने सपनों पर हार नहीं मानूंगा।



-मुझे तुम पर तथा तुम्हारे प्राप्त किए ज्ञान पर भरोसा है। शुभकामनायें, परमेश्वर के पुत्र! जल्द ही मिलेंगे।



यह कहने के बाद अजीब औरत चली गई और धुएं के गुबार में गुम हो गई। अब मैं अकेला था तथा मुझे आखिरी चुनौती के लिये तैयारी करने की जरूरत थी।




आखिरी चुनौती के एक दिन पहले


अब पहाड़ के ऊपर आए मुझे छः दिन हो गए थे। चुनौती से भरे समय और अनुभव ने मुझे समझदार बनने में मदद की है। मैं अब आसानी से प्रकृति को, खुद को और दूसरों को समझ सकता हूँ। प्रकृति अपनी ही धुन में चलती है और इंसानों के आहट के खिलाफ है। हम वनों को काटते हैं, पानी को दूषित करते हैं और वायुमंडल में जहरीली गैस छोड़ते हैं। हमें उससे क्या मिलता है? हमारे लिए क्या ज्यादा महत्वपूर्ण है पैसा या खुद का ज़िंदा रखना? इसके परिणाम है: वैश्विक उष्णता, वनस्पतियों और जीवो में कमी, प्राकृतिक आपदा। क्या इंसान यह नहीं देखता की यह सब उसकी गलतियां हैं? अब भी समय है, प्रकृति को प्रदूषित ना करें। अपना भाग अदा करें: पानी और ऊर्जा बचाएं, खराब चीजों को पुनः उपयोग लायक बनायें, प्रकृति को दूषित ना करें। प्रकृति के मसलों को लेकर अपनी सरकार से जवाब मांगे। हम खुद के लिए तथा दुनिया के लिये बस इतना ही कर सकते हैं। रोमांचित मैं वापस आते हुए, मैं एक बार पहाड़ पर चढ़ गया, मुझे अपनी मुराद और सीमा अच्छे से समझनी चाहिये। मुझे समझ में आ गया कि सपने तभी पूरे होते है जब वो सही और नेक हों। गुफा निष्पक्ष है और अगर मैं तीसरी चुनौती भी जीत गया तो मेरे सपने सच हो जाएंगे। जब मैंने पहली और दूसरी चुनौती जीती तो मुझे दूसरों की मुरादें अच्छे से समझ आने लगीं थीं। अधिकतर लोग यह सपना देखते हैं कि वह अमीर हो जाएँ, सामजिक प्रतिष्ठा बढ़े, ऊँचे पद पर नियंत्रण रखें। वे यह नहीं देखते कि जिंदगी में अच्छी चीज क्या है: पेशेवर तरक्की, प्यार और ख़ुशी। वो चीजें जो इंसान को सचमुच में ख़ास बनाती है वो हैं उनके गुण जो उनके काम से झलकते हैं। ताकत, पैसा और समाज में शेखी किसी को खुशी नहीं देती है। मैं पवित्र पहाड़ में यहाँ ढूंढ रहा हूँ: ख़ुशी और "विरोधी ताकतों" पर अधिकार। मुझे कुछ समय के लिये बाहर जाना जरूरी है। एक एक कदम के साथ मैं झोंपडी के बाहर निकला जिसे मैंने बनाया था। मैं किस्मत के इशारे की उम्मीद करने लगा।



सूरज का तामपान और बढ़ रहा है, हवाएं और तेज हो गई हैं और कोई भी इशारा नहीं दिख रहा। मैं तीसरी चुनौती कैसे जीतूंगा? अगर मैं अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाया तो इस असफलता के साथ कैसे जी पाऊंगा? मैं अपने दिमाग से गलत विचारों को हटाने की कोशिश करता हूँ लेकिन डर बहुत ज्यादा है। मैं पहाड़ पर चढ़ने से पहले कौन था? एक नौजवान, असुरक्षित, दुनिया और इसके लोगों का सामना करने से घबराने वाला। एक नौजवान आदमी जो अपने अधिकारों के लिए एक दिन न्यायलय में लड़ता है लेकिन जीत नहीं पाता। भविष्य ने मुझे दिखाया कि यह बेहतर था। कई बार हम हार कर के जीतते है। जिंदगी ने मुझे यह सिखाया है। कुछ पक्षी मेरे आस पास चहचहाने लगे। वो मेरे सवाल समझ गए थे। कल एक नया दिन होगा, पहाड़ की चोटी में सातवां दिन। मेरा भविष्य इस तीसरे चुनौती के साथ खतरे में था। पाठको, प्रार्थना करें की मैं जीत जाऊं।





तीसरी चुनौती


एक नए दिन की शुरुआत हुई। तापमन सुहावना था और आकाश अपनी विशालता में नीले रंग में था। आलसीपन से, मैं अपनी नींद भरी आँखे खुजलाते हुए उठा। बड़ा दिन हो चुका है और मैं इसके लिए तैयार हूँ। सबसे पहले, मुझे अपना नाश्ता तैयार करने की जरुरत है। जिन चीजों को मैं कल ढूंढ़ के लाया था उनके साथ बनाना कोई कठिन काम नहीं होगा। मैंने कढ़ाई तैयार की और चिकन के अंडे को फोड़ने लगा। कुछ बड़े छींटे मेरे आँखों में लग ही गए थे। कितनी बार जिंदगी में ऐसा होता है कि दूसरों की चिंता से हम दुखी होते हैं। मैंने अपना नाश्ता किया, थोड़ा आराम किया और अपनी रणनीति तैयार करने लगा। तीसरी चुनौती बहुत आसान लग रही थी। किसी को मारने के बारे में सोच भी नहीं सकता। लेकिन फिर भी, मुझे इसका सामना करना पड़ेगा। और इस प्रतिज्ञा के साथ मैं चलने लगा और थोड़ी देर में ही मैं झोंपडी के बाहर था। तीसरी चुनौती यहाँ से शुरू होती है और मैं इसकी तैयारी करता हूँ। मैं पहला रास्ता लेता हूँ और उसमें चलना शुरू करता हूँ। रास्ते के दोनों तरफ लगे पेड़ बहुत ही चौड़े और गहरी जड़ वाले हैं। मैं किस चीज को ढूंढ रहा हूँ? सफलता, जीत और उपलब्धि। जो भी हो, मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूँगा जो मेरे सिद्धान्तों के खिलाफ हो। प्रसिद्धि, सफलता और ताकत से पहले मेरी इज़्ज़त है। तीसरी चुनौती मुझे परेशान कर रही है। मेरे लिए मारना एक अपराध है चाहे वह कोई जानवर ही क्योँ ना हो। दूसरी तरफ मैं गुफा में प्रवेश करना चाहता हूँ और अपनी फ़रियाद पूरी करना चाहता हूँ। यह दो "विरोधी ताकतों" या "विरोधी रास्तो" का प्रतिनिधित्व करती हैं।



मैं रास्ते पर ही चल रहा था और प्रार्थना कर रहा था कि मुझे कुछ ना मिले। कौन जाने, हो सकता है तीसरी चुनौती खत्म ही कर दी जाए। मुझे नहीं लगता संरक्षक इतने दयालु होंगे। नियम का पालन सभी को करना पड़ता है। मैं थोड़ी देर रुका और जो दृश्य देखा उस पर भरोसा नहीं कर पा रहा था: एक ओसेलेट और उनके तीन शावक, मेरे आस पास खेल रहे थे। बस यही था। मैं तीन शावकों की माँ को नहीं मारूँगा। मेरे पास हिम्मत नहीं है। अलविदा सफलता, अलविदा निराशा की गुफा। बहुत सपने हुए। मैं तीसरी चुनौती पूरी नहीं कर पाया, मैं जा रहा हूँ। मैं अपने घर तथा प्रियजनों के पास लौट जाऊँगा। जल्द ही मैं अपने केबिन में सामान बाँधने के लिये आ गया। मैंने तीसरी चुनौती पूरी नहीं की।



केबिन उखड़ा हुआ था, इसका क्या मतलब था? एक हाथ ने धीरे से मेरे बाजू को छुआ। मैं पीछे पलटा और संरक्षक को देखा।



-मेरी शुभकामनाये, प्रिय! तुमने तीसरी चुनौती पूरी कर ली और अब तुम्हे निराशा की गुफा में प्रवेश करने का अधिकार है। तुम जीत गए।



जोर से उसने मुझे जो गले लगाया उसने मुझे और परेशान कर दिया। यह औरत क्या कह रही थी? इन सब के बाद भी मेरे सपने और गुफा फिर से मिल सकते थे? मैं इस पर भरोसा नहीं करता।



-क्या मतलब है तुम्हारा? मैनें तीसरी चुनौती पूरी नहीं की। मेरे हाथों को देखो: ये साफ़ है। मैं अपना नाम खून के धब्बों से नही रंगूगा।



-तुम नहीं जानते? तुम्हे लगता है कि परमेश्वर का पुत्र ऐसे अत्याचार करने में सक्षम होगा जैसे की मैंने कहा था? मुझे कोई भी शंका नहीं है कि तुम अपने सपनों को पूरा करने के काबिल हों, भले ही उन्हें सच होने में समय लगेगा। तीसरी चुनौती ने पूर्ण रूप से तुम्हारी कीमत आंक ली है और तुमने परमेश्वर के बनाए हुओं के लिये बेइंतहा प्यार का प्रदर्शन किया है। एक इंसान के लिए यही सबसे जरूरी चीज है। एक और चीज: सिर्फ एक साफ़ दिल वाला ही गुफा में जीवित रह पाएगा। अपने दिल और विचारों को साफ़ रखो ताकि तुम उस पर जीत पा सको।



-धन्यवाद, परमेश्वर! धन्यवाद, इस मौके के लिये। मैं वादा करता हूँ कि आपको निराश नहीं करूँगा।



भावनायें मुझ पर ऐसे हावी हो गईं जैसे मैं कभी पहाड़ पर ही नहीं चढ़ा। क्या गुफा सच में चमत्कार करने में सक्षम थी? मैं पता ही करने वाला हूँ।




निराशा की गुफा


तीसरी चुनौती जीतने के बाद मैं खूंखार निराशा की गुफा में प्रवेश करने के लिए तैयार था, वह गुफा जो असम्भव सपनों को पूरा करती है। मैं भी एक सपना देखने वाला था जो अपनी किस्मत आजमानें जा रहा था। जब से मैं पहाड़ के ऊपर चढ़ा हूँ मैं बिलकुल भी पहले जैसा नहीं रहा। मुझे अब खुद पर विश्वास था और उस ब्रम्हांड में जिसने मुझे उठाए रखा है। अजीब औरत ने जो गले लगाया था उससे भी थोड़ा अच्छा महसूस हो रहा था। अब वह यहाँ मेरी तरफ थी हर तरह से मेरा समर्थन कर रही थी। यह वह समर्थन था जो मुझे अपने प्रियजनों से कभी नहीं मिला। मेरी अविभाज्य अटैची मेरी बाजू के नीचे थी। अब यह मेरा समय था कि मैं पहाड़ और उसके रहस्यों को अलविदा कह दूँ। चुनौतियां, संरक्षक, भूत, नौजवान लड़की और पहाड़ खुद जो भी जीवित महसूस होता था, इन सब ने मुझे समझदार बनाने में मदद की है। मैं छोड़ के जाने के लिये और खूंखार गुफा का सामना करने के लिए तैयार था। संरक्षक मेरे साथ और गुफा के प्रवेश द्वार के इस सफर तक मेरा साथ देंगीं। हम चलते है क्योंकि सूरज क्षितिज की और बढ़ रहा है। हमारी योजना पूरे सामंजस्य में है। आस पास के पेड़ व वनस्पतिओं और जानवरों की आवाज पर्यावरण को ग्रामीण बना रही है। संरक्षक की पूरे रास्ते भर की चुप्पी गुफा में छुपे खतरे को प्रदर्शित कर रही थी। हम थोड़ी देर रुके। पहाड़ों की आवाज शायद मुझसे कुछ कहना चाहती है। मैं इस मौके को चुप्पी को तोड़ने के लिये उपयोग करता हूँ।



-क्या मैं कुछ पूछ सकता हूँ? ये कौन सी आवाजें हैं जो मुझे कष्ट दे रही हैं?



- तुमने आवाजें सुनी। पवित्र पहाड़ की यह जादुई क्षमता है कि सभी सपने देखने वाले दिलों को एक संग ला देती है। तुम इस जादुई गूंज को महसूस कर पा रहे हो और समझ पा रहे हो। फिर भी, इन पर ज्यादा मत ध्यान दो ये तुम्हें असफलता की और ले जाएँगी। अपनी विचारों पर केंद्रित रहो और काम हो जायेंगे। गुफा की यह क्षमता है कि वह आपकी कमजोरियां पहचान कर उसे आपके खिलाफ उपयोग कर सकती है।



- मैं अपना ख्याल रखने का वचन देता हूँ। मुझे नहीं पता की गुफा में मेरा क्या इंतज़ार कर रहा है लेकिन मुझे भरोसा है प्रकाशित आत्मा मेरी मदद करेगी। मेरा भविष्य दांव पर है और कहें तक तो कुछ हद तक दुनिया भी।



- चलिये, हमने काफी आराम कर लिया। चलना शुरू करते हैं क्योँकि कुछ ही देर में शाम हो जायेगी। गुफा यहाँ से करीब आधा किलोमीटर ही होगी।



पैरो की गड़गड़ाहट फिर से शुरू हो गई। मेरे सपने सच होने से बस आधा किलोमीटर दूर हैं। हम पहाड़ के पश्चिमी भाग पर हैं जहाँ हवा ज्यादा तेज़ है। पहाड़ और उसके राज…............मुझे लगता है मैं इसे कभी पूरा नहीं जान पाउँगा। मुझे चढ़ने के लिए किस चीज ने प्रेरित किया? असम्भव का संभव होने का वादा और मेरे रोमांच और स्काउटिंग प्रवृति ने। सच में, जो चीज मुमकिन थी और मेरे हर दिन की दिनचर्या मुझे मार रही थी। अब मैं जिन्दा महसूस कर रहा था और चुनौतियों से जीतने के लिए तैयार था। पहाड़ के पास पहुँच गए। मैं इसका प्रवेश द्वार देख सकता हूँ वह प्रभावशाली लग रहा है लेकिन मैं हतोत्साहित नहीं हूँ। मेरे बदन में विचारों की लहर दौड़ गई। मुझे अपनी तंत्रिकाओं पर काबू पाना होगा। ये किसी भी समय मुझे धोखा दे सकती है। संरक्षक रुकने का संकेत देती है। मैं उसका पालन करता हूँ।



- इससे ज्यादा गुफा के पास मैं नहीं जा सकती। इसीलिए जो भी मैं कह रही हूँ उसे ध्यान से सुनो क्योकि मैं दोबारा नहीं बोलूंगी: अपने परमेश्वर से संरक्षक स्वर्गदूत के लिए प्रार्थना करो। वो तुम्हे खतरों से बचाएंगे। जब तुम प्रवेश करो तो इस सावधानी के साथ करो की तुम जाल में नहीं फंसोगे। मुख्य द्वार में कुछ समय चलने के बाद एक निश्चित समय के बाद तुम्हे तीन विकल्प मिलेंगे: ख़ुशी, हार और डर। ख़ुशी को चुनना। अगर तुम हार को चुनोगे, तो तुम एक गरीब पागल बन कर रह जाओगे जो सिर्फ सपने देखा करता है। अगर तुम डर को चुनोगे तो तुम खुद को पूरी तरह से खो दोगे। ख़ुशी तुम्हें दो और दृश्यों में पहुंचायेगी जिस के बारे में मुझे नहीं पता। याद रखना: सिर्फ साफ़ दिल वाले गुफा में जीवित रह सकते है। समझदार बनो और अपने सपनों को पूरा करो।



- मैं समझता हूं। जिस पल का मैं इन्तज़ार कर रहा था जबसे पहाड़ पर आया हूँ वो अब आ चुका है। धन्यावद, संरक्षक, मेरे साथ आपके धीरज और उत्साह के लिये। मैं आपको तथा आपके संग बिताए पलों को हमेशा याद रखूँगा।



जैसे ही मैंने उन्हें अलविदा कहा वेदना ने मेरे ह्रदय में जगह बना ली। अब सिर्फ मैं और गुफा, वह दो जो पूरी दुनिया का इतिहास बदल देंगे और मेरा खुद का भी। मैंनें सीधे उसकी तरफ देखा और अपनी अटैची से फ्लैशलाइट निकली ताकि रास्ते को रोशन कर सकूं। मैं प्रवेश करने के लिए तैयार हूं। इस विशालकाय के सामने मेरे पैर जमे हुए महसूस हो रहे हैं। मुझे लगातार रास्ते पर चलते रहने के लिये हिम्मत जुटाने की जरूरत है, मैं ब्राज़ीली हूँ और मैं कभी हार नहीं मानूंगा। मैंने पहला कदम बढ़ाया और मुझे ऐसा लगा की कोई मेरे साथ दे रहा है। मुझे लगता है मैं परमेश्वर के लिये काफी ख़ास हूं। वो मुझसे ऐसा बर्ताव करते हैं जैसे मैं उनका पुत्र हूँ। मेरे कदम बढ़ने लगे और अंततः मैंने गुफा में प्रवेश किया। शुरूआती सम्मोहन बहुत ही ज्यादा है लेकिन जालों के कारण सावधान रहना पड़ेगा। हवा में आर्द्रता बहुत ज्यादा है और बहुत ठण्ड है। खनिज मेरे चारों तरफ भरा हुआ है। मैं 50 मीटर ही चला हूँ की ठण्ड ने मेरे पूरे बदन को झकझोर कर रख दिया है। पहाड़ पर चढ़ने से पहले हर जो चीज से मैं गुजरा हूँ वो मेरे दिमाग में आ रही है: बेज़्ज़ती, अत्याचार और दूसरों से दुश्मनी। ऐसा लग रहा है कि मेरा कोई दुश्मन गुफा में छुपकर मुझ पर हमला करने के सही समय का इंतज़ार कर रहा है। बड़ी छलांग के साथ मैंने पहला जाल पार कर लिया। गुफा की आग ने तो मुझे निगल ही लिया था। नादजा इतनी खुशकिस्मत नहीं थी। छत से लगे चूने के पत्थर पर मैं लटक गया जिसने जादुई रूप से उसने मेरा भार सह लिया, जिस से मैं जीवित बच पाया। मुझे नीचे जाना होगा और अंजान की ओर अपने सफर को जारी रखना होगा। मेरे पैर चल रहे हैं लेकिन सावधानी के साथ। बहुत लोग जल्दी में रहते है, जीतने की या लक्ष्य को पूरा करने की जल्दी में। असामान्य चपलता ने मुझे दूसरे जाल से बचाया। असंख्य भाले मेरे ओर बरसाये गए। एक तो इतना करीब आ गया कि मेरे चेहरे पर खरोंच लग गई। गुफा मुझे तबाह कर देना चाहती है। अब से मुझे ज्यादा सावधान रहना होगा। अब मुझे गुफा में प्रवेश किये हुए एक घण्टा हो गया, लेकिन उस जगह नहीं पहुँच पाया जिसके बारे में संरक्षक ने बोला था। मैं शायद पास में ही होऊंगा, मेरे पैर लगातार चलने लगे और मेरे दिल ने चेतावनी का संकेत दे डाला। कभी कभी हम उन संकेतों पर ध्यान नहीं देते जो हमारा शरीर हमको देता है। यह तब होता है जब असफलता और निराशा घटित होता है। किस्मत से, मेरे साथ ऐसा नहीं था। मैंने एक बहुत जोर की आवाज को अपनी दिशा में आते हुए सुना। मैं दौड़ने लगा। कुछ पलों बाद मुझे अहसास हुआ कि एक बड़ा सा पत्थर जो तेजी से टूट रहा है मेरा पीछा कर रहा है। मैं कुछ देर के लिए दौड़ा और अचानक से मैंने पत्थर से पीछा छुड़ा लिया, और गुफा के बगल में एक झोंपड़ी ढूंढ ली। जब पत्थर गुजर गया तो गुफा के सामने का हिस्सा बंद हो गया और सामने तीन दरवाजे दिखने लगे। वो ख़ुशी, असफलता और डर का प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर मैंने असफलता को चुना तो मैं कुछ भी नहीं बन पाऊंगा लेकिन एक पागल आदमी जो एक दिन एक लेखक बनने का सपना देखता है, बनकर रह जाऊँगा। लोग मुझ पर दया करेंगे। अगर मैं डर को चुनता हूँ तो मैं कभी बड़ा नहीं बन पाऊंगा और दुनिया में जाना नहीं जाऊँगा। अगर मैं ख़ुशी को चुनता हूँ तो मैं सपने को लगातार जीता रहूंगा और दूसरे दृश्य में चला जाऊँगा।



यहाँ पर तीन विकल्प है: दाईं तरफ का दरवाजा, बाईं तरफ का और बीच में। उनमे से हर एक किसी एक विकल्प का प्रतिनिधित्व करता है: ख़ुशी, हार और डर। मुझे सही का चुनाव करना है। समय के साथ मैंने अपने डर पर काबू कर लिया है: अँधेरे का डर, अकेले होने का डर और अंजान का डर और मैं सफलता और भविष्य से भी नहीं डरता। डर का प्रतिनिधित्व दाईं तरफ वाला दरवाजा कर रहा होगा। असफलता कमजोर योजना का नतीजा है। मैं कई बार असफल हुआ हूं लेकिन मैंने अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा। असफलता आगे की जीत के लिए सबक का काम करती है। असफलता का प्रतिनिधित्व बायां दरवाजा कर रहा होगा। अंततः बीच वाला दरवाजा ख़ुशी का प्रतिनिधित्व कर रहा होगा क्योंकि सच्चे लोग ना तो दाएं मुड़ेंगे ना बाएं। सच्चे लोग हमेशा खुश रहते है। मैंने अपनी हिम्मत जुटाई और बीच के दरवाजे का चुनाव किया। खोलने पर मैं एक बरामदे पर पहुँच गया और छत पर खुशी नाम लिखा हुआ है। केंद्र में एक चाबी है जो अगले द्वार को खोलती है। मैं सच में सही था। मैंने पहला कदम पूरा कर लिया। अब दो बचे है। मैनें चाबी ली और दरवाजे पर कोशिश की। यह सही बैठा। मैंने दरवाजा खोला। मैं एक नए गलियारे में पंहुचा। मैं उसमे चलता गया और बहुत सारे ख़याल मेरे दिमाग में उमड़ने लगे: नये जाल क्या होंगे जिनका मुझे सामना करना होगा? गलियारा मुझे कैसे दृश्य में ले जाएगा? यहाँ अब बहुत सारे निउत्तर प्रश्न है। मैं लगातार चल रहा हूँ और मेरी साँसे फूलने लगी है क्योंकि यहाँ सांस लेना दूभर है। मैं करीब दस किलोमीटर चल चुका हूँ अब मुझे सजग रहना चाहिए। मैंने एक आवाज सुनी और खुद को बचाने के लिए जमीन पर झुक गया। ये शोर छोटे चमगादडों का है जो मेरे आस पास घूम रहे हैं। क्या वो मेरा खून चूसेंगे? क्या वे मांसाहारी हैं? मेरी खुशकिस्मती से वे विशाल बरामदे में गुम हो गए। मैंने एक चेहरा देखा और मेरा शरीर कांपने लगा। क्या वह भूत है? नहीं। वह एक देह है जो मेरे पास आ रही है मुझसे लड़ाई करने। ये गुफा के निंजा पंडित में से एक है। लड़ाई शुरू होती है। वह बहुत तेज है और एक महत्वपूर्ण स्थान पर मुझे मारने की कोशिश करता है। मैं उसके प्रहारों से बचने का प्रयास करता हूँ। मैंने फिल्में देख कर के जो दांव सीखे है उनसे लड़ता हूँ। योजना काम करती है और वह घबरा जाता है थोड़ा पीछे हो जाता है। वह अपने मार्शल आर्ट्स से मुझ पर फिर से प्रहार करता है लेकिन मैं उसके लिए तैयार हूँ। मैं उसे गुफा में से उठाये गए एक पत्थर से उसके सर पर मारता हूँ। वह बेहोश होकर गिर जाता है। मैं हिंसा के पूर्ण विरुद्ध हूँ लेकिन इस स्थिति में यह बेहद जरूरी था। मैं दूसरे दृश्य में जाना चाहता हूँ और गुफा के रहस्यों को जानना चाहता हूँ। मैं फिर से चलना शुरू करता हूँ और सजग रहता हूँ और खुद को दूसरे जालों से बचाता हूँ। आर्द्रता कम होती है और हवा चल रही है और मैं खुद को ज्यादा सुखद महसूस कर रहा हूँ। मैं संरक्षक द्वारा भेजे गए सकारात्मक विचारों की लहर को महसूस करता हूँ। गुफा और अंधेरी हो होती है, और खुद को बदलती है। सामने एक आभासी भूलभुलैया दिखती है। गुफा का एक और जाल। भूलभुलैया का प्रवेश द्वार पूरी तरह से दिख रहा है। लेकिन निकास द्वार कहाँ है? मैं कैसे प्रवेश करूँ और गुम ना हो जाऊं? मेरे पास केवल एक विकल्प है: भूलभुलैया को पार करूँ और खतरा उठाऊं। मैं अपना साहस बंधाता हूं और भूलभुलैया के प्रवेश की तरफ अपना पहला कदम उठाता हूँ। पाठको, प्रार्थना करें कि मुझे निकास मिल जाए। मेरे दिमाग में कोई योजना नहीं है। मुझे लगता है इस उलझन से बाहर निकलने के लिए मुझे अपनी बुद्धिमता का इस्तेमाल करना होगा। मैं भूलभुलैया के मुहाने में जाता हूँ। अंदर में तो यह बाहर से भी ज्यादा भ्रामक लग रहा है। इसकी दीवारें चौडी हैं और मोड़ टेढ़े मेढ़े। मैं जीवन में उन पलों को याद करने की कोशिश करता हूँ जहां मैंने खुद को खोया हुआ पाया जैसे भूलभुलैया में। मेरे पिता की मृत्यु, जब मैं बहुत ही छोटा था मेरे लिए बहुत ही धक्का देने वाली थी। वह समय जब मैं बेरोजगार था और पढाई भी नहीं कर रहा था तब मुझे लगा था कि मैं किसी भूलभुलैया में खोया हुआ हूँ। मैं अभी भी वैसी ही परिस्थिति में हूँ। मैं चलता गया और ऐसा लगा की इस भूलभुलैया का कोई अंत नहीं है। क्या आपने कभी मायूस महसूस किया है? मुझे ऐसा ही लगा रहा था, पूरी तरह मायूस। इसी वजह से इस गुफा का नाम निराशा की गुफा है। मैं अपनी बची ख़ुची ताकत जुटाकर खड़ा हुआ। मुझे किसी भी कीमत पर बाहर जाने का रास्ता ढूंढना था। मुझे आखिरी विचार आया; मैंने ऊपर छत की ओर देखा और बहुत से चमगादड़ देखे। मैं उनमे से एक का पीछा करूँगा और उसे “जादूगर” बुलाऊंगा। एक जादूगर भूलभुलैया को हरा सकता है। इसकी मुझे जरूरत थी। चमगादड़ बड़ी तेजी से उड़ा और मुझे उसके साथ बने रहना था। यह अच्छा है कि मैं शारीरिक रूप से चुस्त हूँ, बिलकुल किसी खिलाड़ी की तरह। मैंने सुरंग के अंत में एक रौशनी देखी, या बेहतर है, भूलभुलैया के अंत में। मैं बच गया।



भूलभुलैया के अंत ने मुझे गुफा के गलियारों के अजीब दृश्य में ला दिया। एक आईनों से बना कमरा। मैं बहुत डर के चल रहा था कि कहीं कुछ ना टूट जाये। मैं आईने में अपना प्रतिबिम्ब देख पा रहा हूँ। अब मैं कौन हूँ? एक कमजोर जवान सपने देखने वाला जो अपनी किस्मत की खोज करने ही वाला है। मैं थोड़ा चिंतित दिख रहा था। इन सब का क्या मतलब था? दीवारें, छत, फर्श सब कुछ कांच का बना हुआ है। मैंने कांच के सतह को छुआ। यह वस्तु कितनी भंगुर है लेकिन खुद के पहलू को प्रतिबिंबित करती है। तुरंत ही तीन आईनों में अलग दृश्य दिखते है, एक बच्चा, ताबूत पकडे एक जवान आदमी और एक बूढा आदमी। ये सब मैं हूँ, क्या यह एक दर्शन है? सच में मेरे बच्चों जैसे पहलु है जैसे पवित्रता, मासूमियत और लोगों में भरोसा। मुझे नहीं लगता कि मैं इन गुणों से छुटकारा पाना चाहता हूँ। एक पंद्रह साल का नौजवान मेरी एक दुःखद स्थित को प्रदर्शित करता है: मेरे पिता की मृत्यु। उनके कठिन और पृथक रास्ते थे, फिर भी वो मेरे पिता थे। मेरी यादों में मुझे वो अब भी याद हैं। बूढ़ा आदमी मेरा भविष्य दिखाता है। वह कैसा होगा? क्या मैं सफल होऊंगा? शादीशुदा, अकेला या विधुर होऊंगा? मैं एक घिनौना और दुखी बुजुर्ग नहीं होना चाहता। यह दृश्य बहुत हो गए। मेरा वर्तमान अभी है। मै एक 26 साल का जवान आदमी हूँ, गणित में डिग्री के साथ, एक लेखक हूँ। मैं अब कोई बच्चा नहीं रहा, ना ही पंद्रह साल का वो जिसने पिता को खोया है। मैं कोई बूढ़ा भी नहीं हूँ। मेरा आगे भविष्य है और मैं खुश रहना चाहता हूँ। मैं इन तीनो में से कोई भी दृश्य नहीं हूं, मैं, मैं ही हूँ। एक जोर के साथ, जिन तीनों आईनों में लोग दिख रहे थे टूट गया और एक दरवाजा दिखाई दिया। यह मेरे तीसरे और आखिरी दृश्य का प्रवेश है।



`मैंने दरवाजा खोला और जिसने मुझे एक नए बरामदे में पहुँचा दिया। तीसरे दृश्य में मेरा क्या इंतेजार कर रहा है? चलिये साथ में चलते है, पाठको। मैं चलने लगता हूं और मेरे ह्रदय की गति बढ़ने लगती है जैसे मैं पहले ही दृश्य में ही हूँ। मैंने बहुत से चुनौतियों पर जीत पा ली है, और मैं खुद को एक विजेता सोचता हूँ। मेरे दिमाग में, मैं उन पुरानी यादो को खोजता हूं जब मैं बचपन में छोटी गुफाओं में खेला करता था। स्तिथि अब बिलकुल अलग है। गुफा बहुत बडी है और जालों से भरी हुई है। मेरी रोशनी बिल्कुल खत्म हो गई है। मैं लगातार चलता हूं और बिलकुल सामने एक नया जाल दिखता है: दो दरवाजे। "विरोधी ताकतें" मेरे अंदर चिल्लाती हैं। नया विकल्प बनाना जरूरी है। एक चुनौती मेरे दिमाग में आती है, और याद आता है कि मेरे पास हिम्मत थी कि उसे मैं पूरा कर सकूँ। मैंने दाईं तरफ वाले रास्ते को चुना। भले ही यह स्थिति बिलकुल अलग है और मैं एक अँधेरी गुफा के अंदर हूँ। मैंने अपना चुनाव तो कर लिया लेकिन संरक्षक की सिखाई बातों को याद करने की कोशिश करने लगा। मुझे दोनों ताकतों के बारे में जानना जरूरी है ताकि उन पर मैं पूरा नियंत्रण पा सकूँ। मैंने दाईं तरफ के दरवाजे को चुना। मैनें धीरे से दरवाजा खोला, इस बात से डरा हुआ की वहाँ क्या छुपा हो सकता है। जैसे ही मैं उसे खोलता हूँ मुझे एक दृश्य विस्मित होता है: मंदिर के अंदर, साधुओं के तस्वीरों से भरा हुआ और वेदी पर प्याला। क्या यह पवित्र प्याला हो सकता है, क्राइस्ट का वह आखिरी प्याला जो इससे पीते हैं वो उन्हें अनंत जवानी देते है? मेरे पैर काँप रहे है। जल्दी में मैं प्याले की ओर भागता हूं और उससे पीता हूँ। वाइन बहुत स्वास्दिष्ट लगती है, जैसे स्वर्ग के परमेश्वर की हो जैसे। मैं चक्कर सा महसूस करता हूँ, सिर घूमने लगता है, स्वर्गदूत गाते हैं और गुफा की जमीन कंपकपाती है। मैंने अपना पहला दर्शन देखा: मैंने एक यहूदी देखा जिसका नाम जीसस था, अपने प्ररितों के साथ, चंगाई देते, मुक्त करते तथा अपने लोगों को जीवन का नया दृष्टिकोण सीखा रहे हैं। मैने उनको पूरे चमत्कारों और प्यार के प्रक्षेप पथ के साथ देखा। मैंने जूडस और शैतान को उनके पीछे धोखे करते भी देखा। अंततः मैंने उनके दोबारा जी उठने और महिमा को भी देखा। मैंने एक आवाज को मुझसे कहते सुना: अपना निवेदन करो। ख़ुशी के साथ मैंने कहा: मैं द्रष्टा बनना चाहता हूँ।




चमत्कार


मेरे निवेदन के कुछ समय बाद, मंदिर हिलने लगता है, धुएं से भर जाता है और मैं बदली हुई आवाजें सुन सकता हूँ। जिसका उन्होंने खुलासा किया वह एक पूर्ण रहस्य था। प्याले से एक आग उठती है और मेरे हाथ में आती है। उसकी रोशनी बहुत तेज है और पूरी गुफा को रोशन करती है। गुफा की दीवारें बदलती है और छोटा दरवाजा प्रकट होता है उसे राह देती हैं। वह खुलता है और एक ताकतवर हवा मुझे उसकी तरफ धक्का देती है। मेरी सारी कोशिशें मेरे दिमाग में आती हैं: पढाई की ओर मेरी निष्ठा, जिस तरह मैंने परमेश्वर के नियमों का सही तरीके से पालन किया, पहाड़ की चढ़ाई, चुनौतियां और यहाँ तक कि गुफा में यह मार्ग भी। इन सब ने मेरा आश्चर्यजनक अध्यात्मिक विकास किया। मैं अब खुश रहने तथा अपने सपनों को पूरा करने के लिए तैयार हूँ। बहुत खूंखार निराशा की गुफा ने मुझे अपना निवेदन करने के लिए मजबूर कर दिया। इस उत्कृष्ठ क्षण में मुझे वह सब याद है जिसने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मेरी जीत में योगदान दिया: मेरे प्राथमिक शाला के शिक्षक, मिसेस सोकोर्रो, जिसने मुझे पढ़ना और लिखना सिखाया, मेरे जीवन में शिक्षक, मेरा स्कूल और काम के दोस्त, मेरा परिवार और संरक्षक जिन्होंने मुझे चुनौतियों तथा इस गुफा को पार पाना सिखाया। ताकतवर हवा के झोकें मुझे दरवाजे के ओर धक्का दे रहे हैं और जल्द ही मैं खुफिया कक्षा के अंदर होऊंगा।



जो शक्ति मुझे धक्का दे रही है अंततः बंद होती है। दरवाजा बंद होता है। मैं एक बहुत ही बड़े कक्ष में हूँ जो ऊँचा और अँधेरे से भरा हुआ है। दाईं तरफ एक मुखौटा, एक मोमबत्ती और बाइबल है। बाईं तरफ एक कैप, टिकट और क्रॉस है। केंद्र में ऊपर बहुत ही अच्छा दिखने वाला गोल सा लोहे का बना उपकरण है। मैं दाईं तरफ चला: मैनें मुखौटे को पहना, मोमबत्ती को उठाया और बाइबिल के किसी पन्ने को खोल लिया। मैं बाईं तरफ चला: मैंने कैप पहन लिया, अपना नाम और उपनाम टिकट पर लिखा और दूसरे हाथ से क्रॉस को सुरक्षित किया। मैं केंद्र की ओर चला और खुद को उपकरण के ठीक नीचे खड़ा कर लिया। मैंने चार जादुई शब्द कहे: पै-गं-ब-र। तुरंत ही रौशनी का चक्र उपकार से निकला और मुझे भर लिया। मैं महान सपने देखने वालों की याद में रोज जलने वाली सुगंध को महसूस कर रहा था: मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला, मदर टेरेसा, फ्रांसिस ऑफ़ असीसी और जीसस क्राइस्ट को। मेरा शरीर कंपकंपाने लगता है और तैरने लगता है। उनके साथ मेरी समझ जागने लगती है और मैं भावनाओ तथा इरादों को गंभीरता से पहचाने में सक्षम हो जाता हूँ। मेरे उपहार ताकतवर हो गए हैं और उनके सहारे मैं समय और अंतरिक्ष में चमत्कार करने में सक्षम हूँ। चक्र तेजी से बंद होता है और अपराध, असहिष्णुता और डर की हर भावना मेरे दिमाग से मिट रही है। मैं तक़रीबन तैयार हूं: दर्शनों की एक श्रेणी दिखने लगती है और मुझे भ्रमित करती है। अंततः चक्र बाहर चला जाता है। तुरंत ही, मेरे तोहफों के साथ द्वारों की एक श्रेणी खुलती है और मैं देख, सुन और महसूस कर सकता हूँ। चरित्र की आवाजें जाहिर होना चाहती हैं, अलग समय और जगह दिखने लगते हैं और महत्वपूर्ण प्रश्न मेरे दिल को खुरचने लगते है। ज्ञानी बनने की चुनौती शुरू हो चुकी है।




गुफा से निर्गमन


सब जीतने के साथ मेरे पास यह बचता है कि मैं गुफा से निकल जाऊँ और यात्रा को सच बनाऊं। मेरा सपना पूरा हो चुका था अब उसे बस काम में लाना था। मैंने चलना प्रारम्भ किया और कुछ ही क्षणों में मैंने ख़ुफ़िया कक्ष को पीछे छोड़ दिया था। मुझे नहीं लगता कि अब और कोई इंसान यहाँ प्रवेश करने की ख़ुशी प्राप्त कर पाएगा। निराशा की गुफा वैसे ही नहीं रहेगी जैसा की मैं इसे जीतकर, आत्मविश्वास और ख़ुशी के साथ छोडूंगा। मैं तीसरे दृश्य के पास आया: संतो के तस्वीरें वहीं बरकरार है और मेरे जीतने से खुश लग रहे हैं। प्याला गिर गया है और सूखा है। वाइन बहुत ही स्वादिष्ट थी। मैं तीसरे दृश्य के पास शांति से अपना काम करता हूँ और जगह के वातावरण को महसूस करता हूँ। यह सच में गुफा और पहाड़ जितना पवित्र है। मैं ख़ुशी में चिल्लाया और गूंज पूरी गुफा में गूंजी। द्रष्टा बनने के बाद दुनिया बिलकुल पहले जैसी नहीं रहेगी। मैं रुका, सोचा और खुद को हर तरह से परिकल्पित किया। आखिरी चुम्बन के साथ मैंने तीसरा दृश्य छोड़ा और उसी दरवाजे पर आ गया जिसे मैंने चुना था। द्रष्टा का रास्ता एक आसान रास्ता नहीं होगा क्योंकि हृदय की “विरोधी ताकतों” को नियंत्रण में करना चुनौतीपूर्ण होगा और उसे दूसरों को सीखाना भी। बाईं तरफ का रास्ता जो मेरा विकल्प था ज्ञान और लगातार सिखना चाहे छुपी ताकतों के साथ, पछतावे या खुद मृत्यु के साथ का प्रतिनिधित्व करता है। जैसे की गुफा बहुत बड़ी, आर्द्र और अँधरी है, चलना थकान भरा होता है। द्रष्टा की चुनौती शायद उससे बड़ी हो सकती है जितना मुझे लगा है: ह्रदय, जीवन और भावनाओं का मिलन। यह पूरा नहीं है: मुझे अब भी अपने रास्ते का ध्यान रखना है। गलियारा तंग होते जाता है और उसके साथ मेरे विचार भी। घर की याद बढ़ने की मेरी भावनाओं को, और साथ ही गणित और मेरी खुद की ज़िन्दगी के। अन्त में, अपने आप की पुरानी यादों आती हैं। मैंने अपने पैर जल्दी चलाये और अब मैं दूसरे दृश्य में हूँ। टूटे हुए शीशे मेरे दिमाग के उस भाग का प्रतिनिधित्व कर रहे है जो संरक्षित तथा बढ़ाकर रखे गए थे: अच्छी भावनायें, गुण, उपहार और गलती पहचानने की क्षमता जो मैंने की थीं। आईने का दृश्य मेरी आत्मा का प्रतिबिंब है। इस आत्म-ज्ञान को मैं पूरी ज़िन्दगी अपने साथ लेकर चलूंगा। मेरी यादों में बसी है बच्चे की आकृति, पन्द्रह साल के बच्चे की और बूढ़े आदमी की। ये मेरे बहुत से चेहरों में तीन चेहरे हैं जो मैं संरक्षित करता हूँ क्योंकि ये मेरा इतिहास है। मैं दूसरा दृश्य छोड़ता हूँ और उसके साथ अपनी यादें भी। मैं उस गलियारे में हूँ जो मुझे पहले दृश्य की ओर ले जायेगा। मेरे भविष्य की उम्मीद और आशाएँ नई हो गई हैं। मैं द्रष्टा हूँ, ज्ञानवान और ख़ास। बहुत से लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए नियुक्त। गुफा के बाद का समय पहले से जो कौशल है उनके ट्रेनिंग और सुधार के लिए होंगे। मैं थोड़ी दूर और जाता हूं और भूलभुलैया की एक झलक देखता हूँ। इस चुनौती ने तो मुझे तक़रीबन तबाह ही कर दिया था। मेरी मुक्ति का कारण जादूगर, एक चमगादड़ था जिसने मुझे निकास द्वार खोजने में मदद की। अब मुझे उसकी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मैं अपनी मायावी ताकतों से मैं इसे आसानी से पार कर सकता हूँ। मेरे पास पांच धरातलों में मार्ग दर्शन का उपहार है। कितनी बार प्रायः हमें लगता है कि हम भूलभुलैया में खो गए है: जब हम नौकरी खोते हैं, जब हम अपने प्रियजनों से दुःखी होते हैं, जब हम अपने से बड़ों के आदेश को नहीं मानते, जब हम सपने देखने की आशा और क्षमता को खो देते है; जब हम जीवन के प्रशिक्षु होना छोड़ देते हैं और तब जब हम खुद की किस्मत को दिशा देने की क्षमता खो देते हैं। याद है: ब्रम्हांड व्यक्ति को प्रवृत्त कर देता है लेकिन वो हम होते हैं जो उसके लिए जाते हैं और साबित करते हैं कि हम लायक हैं। वही मैनें किया। मैं पहाड़ चढ़ा, तीनो चुनौतियां पार की, गुफा में प्रवेश किया, उसके जालों को हराया और अपनी मंज़िल तक पहुँचा। मैं भुलभूलैया के पार निकला और मुझे उससे उतनी खुशी नहीं हुईं क्योकि मैं पहले ही चुनौती जीत गया था। मुझे नए क्षितिजों की तलाश थी। मैं ख़ुफ़िया कक्ष, दूसरे और तीसरे दृश्य के बीच में दो किलोमीटर तक चला और इस अहसास के साथ मुझे थोड़ी थकान महसूस हुई। मैंने महसूस किया कि पसीना बह रहा था और वाष्पिक दबाव तथा काम आर्द्रता महसूस की। मैं निंजा के पास पंहुचा, मेरा महान प्रतिद्वंदी। वह अभी भी पटकाया हुआ मालूम होता था। मुझे माफ़ कर दो कि मैंने तुम्हारे साथ ऐसा बर्ताव किया लेकिन मेरे सपने, मेरे उम्मीद और मेरी किस्मत सब दांव पर थे। हर एक को महत्वपूर्ण समय में महत्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ते हैं। डर, लज्जा, और शिष्टाचार मदद करने की बजाये रास्ते में आते हैं। मैंने उसके चेहरे की ओर देखा और शरीर में जान वापस डालने की कोशिश की। मैंने इस तरह बर्ताव किया जैसे अब हम प्रतिद्वंदी नहीं है लेकिन इस भाग के साथी हैं। वह उठा है और पूरे दिल से मुझे बधाई देता है। सब कुछ पीछे छूट गया था: लड़ाई, हमारी "विरोधी ताकतें" हमारी विभिन्न भाषाएं, और हमारे अलग अलग लक्ष्य। हम पहले से अलग स्तिथि में जी रहे है। हम बात कर सकते थे, एक दूसरे को समझ सकते थे और क्या पता दोस्त भी बन सकते थे। जैसे की कहावत है: अपने दुश्मन को घनिष्ट और विश्वासी दोस्त बनाओ, अंततः उसने मुझे गले लगाया और मुझे अलविदा कह और मुझे कामयाबी के लिए शुभकामनाये दी। मैंने प्रतिदान किया। वह लगातार गुफा के हिस्से का राज बनाता रहेगा और मैं जिंदगी और दुनिया का रहस्य बनाता रहूंगा। हम "विरोधी ताक़तें" है जो मिल गए हैं। इस किताब में मेरा यही लक्ष्य है: "विरोधी ताकतों" को एक करना। मैं बरामदे में चलता रहा जिसने मुझे पहले दृश्य में पहुँचा दिया। मैं पूर्णतः शांत और विश्वास से भरा महसूस कर रहा था ना कि वैसे जैसे गुफा में जब पहली बार प्रवेश किया था। डर, अँधेरे और आग से अंजान होने के कारण मुझे डरा दिया था। सुख, भय और असफलता के संकेत के तीन दरवाजों ने मुझे चीजों की भावना विकसित करने और समझने में मदद की। असफलता हर वह चीज का प्रतिनिधित्व करती है जिससे हम उसे बिना जाने भागते रहते हैं। असफलता हमेशा सीखने का सबक होना चाहिये। यह वह क्षण होता है मानव खोज करता है कि वह सर्वोत्तम नहीं है, कोई भी रास्ता अभी नहीं बना है और यह क्षण है फिर से बनने का। यह चीज हमेशा करनी चाहिये: पुनर्जीवित हो। उदाहरण के लिये पेड़: वो अपने पत्ते तो खो देते है लेकिन अपना जीवन नहीं। उन्हें वैसे ही रहने दो जैसे वे है: रूपांतरण कर लो। जिंदगी में उसकी आवश्यकता होती है। डर वहाँ उपस्थित होता है जब भी हम कभी हम डरा या दबा हुआ महसूस करते हैं। यह नई असफलताओं का शुरूआती बिंदु है। अपने डर पर जीत पाओ और पाओगे कि यह सिर्फ हमारी कल्पना में होता है। मैंने गुफा के गलियारे के एक अच्छे हिस्से को पार कर लिया है और इस समय में, मैं ख़ुशी के दरवाजे को पार कर रहा हूँ जो बहुत ही जरुरी है। हर कोई इस द्वार से जा सकता है और खुद को समझ सकता है कि ख़ुशी रहती है और उसे पाया जा सकता है अगर हम ब्रम्हांड के साथ साथ चलें। यह सम्बंधित रूप से आसान है: कामगीर, राजमिस्त्री, चौकीदार अपने मिशनों को पूरा करने से खुश है, किसान, गन्ना उगाने वाला, चरवाहे सब खुश हैं अपनी मजदूरी का उत्पादन इकठ्ठा करके; शिक्षक पढ़ाने में और सिखाने में; लेखक पढ़ने और लिखने में; पंडित पुण्य विचारों को बांटने में; जरुरती बच्चे, अनाथ और भिखारी प्यार और चिंता के शब्द सुनकर खुश हैं। ख़ुशी हमारे अंदर है और लगातार खोजे जाने की जरूरत है। सच में खुश रहने के लिए हमें घृणा, असफलता, फालतू बातें और शर्म को भूलने की जरूरत है। मैं चलता गया और सभी जालों को देखा जिनसे मै बचने में कामयाब रहा और अचंभित हुआ की अगर लोग भरोसे, रास्ते और किस्मत के नहीं बने होते तो किसके बने होते। उनमे से कोई भी जाल को पार नहीं कर पाया क्योकि उनके पास सुरक्षा का जाल या रौशनी और ताकत नहीं थी। इंसान अगर अकेला है तो वह कुछ भी नहीं है। वह जब मानवता के ताकतों से जुड़ा होता है तभी वह खुद से कुछ कर पाता है। अगर वह ब्रम्हांड के साथ सामंजस्य में है तभी वह अपनी खुद की जगह बना सकता है। मुझे अब ऐसा ही महसूस हो रहा है: पूर्ण सामंजस्य में क्योकि मैं पहाड़ पर चढ़ा, तीन चुनैतियां जीतीं और मैंने गुफा को हरा दिया, वह गुफा जिसने मेरे सपने को सच कर दिया। मेरे चलने का अंत आ गया है क्योंकि मुझे गुफा के प्रवेश द्वार से रौशनी आती दिख रही है। थोड़ी देर में मैं बाहर होऊंगा।





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”वरध तकत” खद क हम म स हर एक म मजद महन दवद पर कब पन क वकलप क रप म परसतत करत ह। जवन म कतन बर हम उन परसथतय क समन करत ह जनम दन वकलप अनकल और परतकल परसथतय क हत ह और उनम स एक क चनन क करय ह सह बलदन ह जत ह। हम परतबबत करन और धयन स सचन क लए सखन चहए क कस तरह सचच मरग क पलन कय जन चहए और उस चनव क परणम कय ह। अत म, हम अपन जवन म ”वरध तकत” क इकटठ करन और फल पद करन क जररत ह। इस परकर, हम एक बहत ह वछत खश परपत कर सकत ह।

”वरध तकत” खद क हम म स हर एक म मजद महन दवद पर कब पन क वकलप क रप म परसतत करत ह। जवन म कतन बर हम उन परसथतय क समन करत ह जनम दन वकलप अनकल और परतकल परसथतय क हत ह और उनम स एक क चनन क करय ह सह बलदन ह जत ह। हम परतबबत करन और धयन स सचन क लए सखन चहए क कस तरह सचच मरग क पलन कय जन चहए और उस चनव क परणम कय ह। अत म, हम अपन जवन म ”वरध तकत” क इकटठ करन और फल पद करन क जररत ह। इस परकर, हम एक बहत ह वछत खश परपत कर सकत ह।

पसतक क पहल क लए, हम कह सकत ह क ज यह रन मन नरश क गफ म सन ह। यह रन कतब म बतय गए सभ करनम क करण थ। मशन पर हआ, मझ आश ह क म अपन अतम लकषय तक पहच गय ह ज सरफ एक वयकत क सपन बनन ह। यह वह ह जसक म अभ भ परसतव दत ह कयक हम हस, कररत और अनयय स भर दनय म रहत ह। ”वरध तकत” फर कभ इसक परकशन क बद पहल क समन नह रहग और म पठक क सथ एक नय जखम उठन क इतजर नह कर सकत ज भ ऐस करन क इरद रखत ह।

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